- संजय राउत बोले- हम भी चाहते हैं सुशांत के परिवार को मिले न्याय
- आपको मुंबई पुलिस की जांच पर भरोसा रखना चाहिए- संजय राउत
- सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच सीबीआई के हवाले हो चुकी है
मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत अपने बयानों के लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। अब उन्होंने एक और बयान देते हुए कहा कि वो भी चाहते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को न्याय मिले। इससे पहले गुरुवार को एक व्यंगात्मक देते हुए राउत ने कहा था, 'हम सीबीआई का विरोध नहीं कर रहे हैं। जब मुंबई पुलिस पहले से ही काम पर है, तो सीबीआई क्या करेगी? छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। मोसाद और केजीबी भी लाओ।'
विश्वास नहीं तो सीबीआई और सीआईए में जाओ
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए राउत ने कहा, 'मुंबई पुलिस पर विश्वास रखो, अगर आपको लगता है कि ठीक नहीं हो रहा है तो आप CBI, CIA में जाओ। सुशांत सिंह राजपूत भी हमारा लड़का था, एक अभिनेता था, बॉलीवुड का एक घटक था और बॉलीवुड तो मुंबई का परिवार है। हमें उससे क्या दुश्मनी है? हम भी चाहते हैं उसके परिवार को पूरी तरह न्याय मिले। हम भी चाहते हैं कि मौत या आत्महत्या के पीछे कोई रहस्य है ये खुल जाए। लेकिन वहां बैठकर आप हमारे ऊपर हमले करेंगे, सरकार को काम ही नहीं करने देंगे इसलिए ये सब बखेड़ा खड़ा हुआ है। हमारी पूरी संवेदना सुशांत सिंह राजपूत के परिवार, उनकी पिताजी और बहनों के साथ है।'
राउत ने आगे कहा, 'मुंबई की पुलिस पूरी तरह से पेशेवर पुलिस है पूरे देश औऱ विश्व में। लेकिन किसी बात में राजनीति करना चाहते हैं तो किसने रोका। हमारे यहां राजनीति इतनी घुस गई है कि जब कोई मौत होती है तो हम उसमें भी राजनीति ढूंढ लेते हैं। इसलिए हमारा भी गुस्सा बढ़ जाता है। हम भी चाहते हैं कि उसके आत्महत्या के कारणों का पता चले।'
महाराष्ट्र सरकार की कोर्ट में दलील
इससे पहले गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के सिलसिले में पटना में दर्ज प्राथमिकी राजनीति से प्रेरित है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बिहार पुलिस इस मामले में न तो प्राथमिकी दर्ज कर सकती है और न ही मुंबई पुलिस की कथित ‘निष्क्रियता और अवैध’ कार्रवाई के आधार पर कोई जांच नहीं कर सकती है।
सीबीआई जांच
वहीं केन्द्र सरकार ने ने भी सुशांत सिंह राजपूत से जुड़े एक मामले में कोर्ट से कहा कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जिन 56 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं ‘उनकी कोई वैधता या कानूनी शुचिता’नहीं है क्योंकि उसने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं दी है। आपको बता दें कि बिहार सरकार की सिफारिश पर केंद्र ने सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के मामले की सीबीआई जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।