सवाल पब्लिक में बात हुई लखीमपुर खीरी हिंसा पर हो रही राजनीति की। लखीमपुर को लेकर अब सियासी रस्साकस्सी हो रही है। आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी यूपी कूच कर गए। पिछले चार दिनों से प्रियंका गांधी वहां थीं। लखनऊ एयरपोर्ट पर भारी ड्रामा और पुलिसवालों से तू-तू..मैं-मैं हुई। फिर सीतापुर के लिए निकले। लखीमपुर खीरी के पीड़ितों के लिए आज कांग्रेस के दो मुख्यमंत्रियों ने मुआवजे का ऐलान किया। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी जी ने 50 लाख और छत्तीसगढ़ के सीएम भुपेश बघेल जी ने भी 50 लाख। लेकिन कुछ बातें खटक गईं। पहला ये कि मुआवजा नाम के ऐलान में इफ-बट लगा दिया गया। सिर्फ किसान और पत्रकार के परिजन को मुआवजा। जिन लोगों को पीट-पीट कर मारा गया...उनके परिवार को कुछ नहीं। क्यों भाई..जाने वाला तो चला गया..उसके परिवार को भी दोषी मान लिए क्या।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि जिन किसानों को कातिलाना हमला करके मारा गया, जो शहीद हुए हैं, उसके और उनके परिवार के साथ हम खड़े हैं। तो मैं पंजाब सरकार की ओर से, जो मारे गए हैं उनके परिवार को 50 लाख रुपए प्रति परिवार, और पत्रकार के परिवार को भी जिन्हें मारा गया है, उनके परिवार को 50 लाख रुपए हम पंजाब सरकार की ओर से देंगे। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा कि और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से प्रत्येक परिवार को, प्रत्येक किसान को 50 लाख रुपए, जिनके परिवार ने अपने सदस्य को खोया है। और उस पत्रकार के परिवार को भी 50 लाख रुपए देने की छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से घोषणा करता हूं।
चन्नी साहब ने UP में मुआवजे का ऐलान किया है लेकिन पंजाब के मानसा जिले में 8 गांव के किसानों को जून 2019 से कॉम्पनसेशन नहीं मिला। मानसा में आंधी और ओले की वजह से किसानों की फसल बर्बाद हुआ थी। किसानों का आरोप है कि कई राउंड की बातचीत के बाद भी मुआवजा नहीं मिला है। ऐसा ही हाल बघेल साहब कहा है। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देओभोग में पुल के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया लेकिन 3 साल से मुआवजा नहीं दिया। पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ में 141 किसानों ने सुसाइड किया लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया। 15 साल से एनासर जल योजना में किसानों को मुआवजा नहीं मिला है।