'सवाल पब्लिक का' में बात हुई ऑपरेशन मुख्यमंत्री की। छह महीने बाद यूपी में चुनाव होने हैं। हमें खबर मिली कि छोटी-छोटी राजनीति पार्टियों ने इससे पहले अपनी दुकान सजा रखी है। हमारी SIT की टीम ने इसकी छानबीन की। हमने खुफिया कैमरा लगाया और उसके बाद जो नतीजा सामने आया वो सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। संजय निषाद ने कहा कि अभी हम बेसलेस लीडर ऑफ पार्टी हैं। मैं सपा को मारना चाहता हूं, बसपा मर गई है लगभग। पिछड़ी जातियों के लिए कीटनाशक हूं, तो हम बेचेंगे सब सीट। हमें तो पैसे चाहिए, अधिक से अधिक ले आओ। टॉप 10 के 2 मंत्रालय कम से कम लेंगे। एक सीट पर दो करोड़ रुपया खर्च करेंगे। हमसे बड़ा गुंडा कौन होगा, बंदूक वंदूक सब चलाएंगे, मर्डर करके भी करना पड़े तो करो, गाड़ी वाड़ी फूंक खत्म हो जाएंगे, दो चार लोगों को जला देंगे, हम ही सरकार बनाएंगे।
खैर संजय निषाद अकेले नहीं। यूपी की राजनीति में हाल के दिनों में हॉट केक बने ओम प्रकाश राजभर की सच्चाई भी सामने आई। राजभर ओपन कैमरे पर गांधीवाद, अंबेडकर की बातें करते हैं। लेकिन खुफिया कैमरे पर रेट लगाते हैं। जिस ओवैसी के साथ भागीदारी का संकल्प कर रहे हैं उन पर भी विश्वास करने को तैयार नहीं। अब सवाल पब्लिक का है:
- मर्डर को तैयार, रेट फिक्स करने वाले नेता पर क्या एक्शन हो?
- संजय निषाद, ओपी राजभर जैसे नेता पर क्या एक्शन हो?
- क्या छोटे राजनीतिक दल उगाही का अड्डा बन गए?
- 'ऑपरेशन मुख्यमंत्री' से बदलेगी UP की सियासत?