- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पीएमएलए के तहत ईडी को मिले अधिकार सही है
- ईडी के अधिकार को चुनौती देने वाली विपक्ष के नेताओं की अर्जियां खारिज हुईं
- कोर्ट ने कहा कि ईडी पीएमएलए के तहत गिरफ्तारी और समन भेज सकती है
ED arrest right : सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारों में कटौती करने के लिए दायर याचिकाएं खारिज हो गई हैं। 242 लोगों ने पीएमएलए के तहत ईडी को मिले गिरफ्तारी के अधिकार सहित उसके कुछ अन्य प्रावधानों को चुनौती देते हुए उन्हें रद्द करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि पीएमएलए (PMLA) के तहत जांच एजेंसी को मिला गिरफ्तारी का अधिकार सही है और वह मनमाना नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ईडी पीएमएलए के तहत संपत्तियों को जब्त कर सकती है और पूछताछ के लिए किसी को भी समन जारी कर सकती है। अदालत ने कहा कि ईडी को दिया गया बयान सबूत माना जाएगा और 2018 में किया गया संशोधन सही है।
बढ़ सकती हैं इन नेताओं की मुश्किलें
प्रवाधानों को समाप्त करने के लिए जिन लोगों ने कोर्ट में अर्जियां दायर की थीं। इस समय विपक्ष के कई नेताओं के खिलाफ ईडी की जांच हो रही है। नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ कर रहा है। समझा जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अनिल देशमुख, कार्ति चिदंबरम, भूपिंदर सिंह हुड्डा, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, नवाब मलिक और अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इन सभी नेताओं के खिलाफ ईडी जांच कर रही है।
नड्डा ने कहा-देश कानून से चलता है
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि देश कानून और नियमों से चलता है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि लेकिन एक परिवार खुद को कानून से ऊपर समझने की कोशिश कर रहा है। नेशनल हेराल्ड केस में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। जांच एजेंसी को इसकी जांच करने देनी चाहिए। इस केस में कानून अपना काम कर रहा है। पूरी कांग्रेस पार्टी आज एक परिवार को बचाने की कोशिश कर रही है।