- सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई जांच का मामला सुप्रीम कोर्ट में
- महाराष्ट्र सरकार को सीबीआई जांच पर है ऐतराज
- सुशांत सिंह के पिता का कहना है कि सिर्फ सीबीआई की सच सामने ला सकती है।
नई दिल्ली। 14 जून 2020 को मुंबई से एक ऐसी खबर आई जिससे हर कोई अवाक था कि ऐसा नहीं हो सकता है। लेकिन जो तस्वीरें सामने आई वो फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के शव की थी। 14 जून को मुंबई पुलिस से प्रारंभिक जानकारी में बताया कि मामला आत्महत्या का है। लेकिन किसी को भरोसा नहीं हुआ। अब हालात यह है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा है जहां इस बात पर जिरह हो रही है इस केस की जांच सीबीआई करे या नहीं। महाराष्ट्र सरकार सीबीआई जांच के विरोध में है। लेकिन बिहार सरकार की तरफ से जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई। दरअसल सुशांत सिंह राजपूत के पिता के के सिंह ने पटना में एफआईआर दर्ज कराई थी।
सीबीआई जांच ही सिर्फ रास्ता
सुशांत सिंह के पिता ने सुप्रीम कोर्ट को लिखित में जानकारी दी है कि किन वजहों से मुंबई पुलिस की जांच सीबीआई को करनी चाहिए। उन खास बिंदुओं को यहां पेश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह से मुंबई पुलिस की तरफ से जांच की गई और की जा रही है वो संतुष्ट करने के लायक नहीं है।लिहाजा वो चाहते हैं कि सच को सामने लाने के लिए सीबीआई जांच ही होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के सामने SSR के पिता की लिखित अर्जी
- बिहार पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार है।
- बिहार सरकार सुशांत सिंह केस में सीबीआई जांच की सिफारिश कर सकती है और उसका अधिकार भी है।
- वारदात की कुछ अंश का संबंध पटना से जुड़ा है और मुंबई में जो कुछ हुआ उसका असर याचिका पर पटना में पड़ा लिहाजा उनका अधिकार है
- जांच की अवस्था में किसका अधिकार क्षेत्र है इसे ध्यान में नहीं दिया जाता है।
- सबसे बड़ी बात यह है कि मुंबई में अब तक एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई।
- सुशांत के परिवार को अब मुंबई पुलिस में भरोसा नहीं रह गया है।
- मुंबई पुलिस ने फरवरी में पिता की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की थी।
- मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस को किसी तरह से सहयोग नहीं दिया।
- मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ बदसलूकी की
- बिहार के एक आईपीएस अधिकारी को जबरन क्वारंटीन कर दिया गया।
मौत की गुत्थी कब सुलझेगी
सुशांत सिंह राजपूत की हत्या हुई या आत्महत्या इस पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं जो समय समय पर शक को विश्वास में बदल देते हैं कि कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ था। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि बिहार पुलिस जीरो एफआईआर तो दर्ज कर सकती है लेकिन वो जांच नहीं कर सकती थी। इसके साथ ही बिहार सरकार को सीबीआई को केस सौंपने का अधिकार नहीं है। हालांकि बुधवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस बात पर किसी तरह का विरोध नहीं है कि इस केस को सीबीआई को क्यों सौंपे जाने की मांग उठायी जा रही है।