केरल में 140 विधानसभा सीटें हैं वहां 6 अप्रैल को मतदान होना है जबकि दो मई को वोट की गिनती की जाएगी,उससे पहले Times Now और सी वोटर ने मतदाता के मन में क्या चल रहा है ये जानने की कोशिश की है। गौर हो कि केरल का विधानसभा चुनाव (Kerala Assembly Elections) इस बार बेहद दिलचस्प होने वाला है जिसपर देश की निगाहें टिकी हैं।
लगभग गायब सी हो रही लेफ्ट अपना आखिरी किला बचाने में जुटी है वहीं बीजेपी की कवायद इस बार राज्य में कमल खिलाने की है और पार्टी इसके लिए खासे प्रयास भी कर रही है।वहीं कांग्रेस भी राज्य में अपना अस्तित्व तलाश रही है।
क्या केरल के सीएम के प्रदर्शन से मतदाता संतुष्ट हैं?-
• बहुत संतुष्ट - 42.34%
• कुछ हद तक संतुष्ट - 28.91%
• बिल्कुल संतुष्ट नहीं - 25.74%
• नहीं जानते / कह नहीं सकते - 3%
आप (केरल के मतदाता) को भारत के पीएम पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार कौन लगता है?-
• नरेंद्र मोदी: 31.95%
• राहुल गांधी: 55.84%
• उनमें से कोई नहीं: 8: 46%
• नहीं कह सकते: 3.75%
केरल: गठबंधन-वार वोट शेयर-
• LDF: -0.6%
• UDF: -1.2%
• भाजपा: -0.5%
• अन्य- 2.3%
केरल: गठबंधन-वार सीट शेयर-
• LDF: -9%
• UDF: 9%
• भाजपा: 0%
• अन्य- 0%
केरल में आगामी विधानसभा चुनावों में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) को कुल 140 सीटों में से 82 सीटों पर जीत हासिल होने की संभावना है। टाइम्स नाउ-सी-वोटर पोल सर्वे के अनुसार, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) 56 सीटों पर कब्जा कर सकती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सिर्फ एक सीट जीत सकती है।
जहां तक सीटों की अनुमानित सीमा का संबंध है, टाइम्स नाउ-सी-वोटर सर्वेक्षण के अनुसार, एलडीएफ 78-86 सीटें जीत सकता है। यूडीएफ के लिए, अनुमान 52-60 सीटों से, भाजपा 0-2 से और अन्य 0-2 से हैं।
टाइम्स नाउ - सीवोटर ओपिनियन पोल: केरल सीएम बनने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार
• पिनारयी विजयन: 38%
• ओमन चांडी: 28.3%
• मुल्लापल्ली रामचंद्रन: 2.5%
• केके शैलजा: 5.9%
• रमेश चेन्निथला: 4.2%
शशि थरूर: 5.8%
• एके एंटनी: 2.2%
• जोस के मणि: 0.8%
• अन्य: 12.3%
केरल: लोग धारणा सूचकांक (गठबंधन-वार)
• LDF: 1.1%
• UDF: -7.1%
• भाजपा: -6.8%
• अन्य / नहीं कह सकते: 12.8%
गौर हो कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ ने शानदार जीत दर्ज की। पार्टी ने 20 सीटों में से 19 पर जीत दर्ज की और 47.48 प्रतिशत वोट प्रतिशत हासिल किया। वहीं वाम मार्चा केवल एक सीट जीत पाने में सफल रहा और 36.29 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था।
हालांकि राज्य की राजनीति में धार्मिक समीकरण का अहम रोल होता है बीजेपी पार्टी इस दिशा में तो कोशिश कर ही रही है। बाजेपी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दक्षिण के इस अहम किले को फतेह करना चाहती है लेकिन वोटरों के मन में क्या है ये तो साफ नहीं है वो तस्वीर तो वोटिंग के बाद मतगणना में ही साफ होगी।