- जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद को हटाए जाने के दो साल पूरे
- जम्मू-कश्मीर में पिछले दो साल में बहुत कुछ बदला- बीजेपी
- अनुच्छेद 370 हटाये जाने से जम्मू-कश्मीर के लोगों के सपने को तोड़ा गया- महबूबा मुफ्ती
कश्मीर का विकास कुछ क्षेत्रीय दलों के लिए कश्मीरियों के साथ खिलवाड़ नजर आ रहा है ।नया जम्मू कश्मीर सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है।सवाल है अगर कश्मीरियों को मुख्यधारा में जोड़ कर विकास की राह पर लाया गया है तो उससे क्यों परेशानी है।सवाल ये भी है कि विकास की राह पर चले नए कश्मीर का विरोध करने वाले कैसे घाटी के लोगों का हित चाहते हैं। सवाल ये भी है कि महबूबा मुफ्ती बात बात पर पाकिस्तान का गुणगान क्यों करती है ।
क्षेत्रीय दलों की सियासत की दुकान हुई बंद
जम्मू कश्मीर में विकास हो रहा है महबूबा मुफ्ती को उसमें जुल्म और शितम नजर क्यों आता है। दरअसल जम्मू कश्मीर से 370 खत्म होने के साथ ही पीडीपी हो या फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों ही पार्टियों की सियासी दुकान बंद हो गई। जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की शह पर पलने वाले आतंकवादियों का खात्मा हो या फिर अलगाववादियों की फंडिंग बंद , पत्थरबाजों पर शिकंजा कस गया। बस इसी बात का मलाल महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे लोगों को है।यही वजह है कि ये दोनों सियासी दल बार बार जम्मू कश्मीर में फिर से 370 को वापस लेने की बात करते हैं और बात बात पर पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की जा रही है ।
370 हटना क्यों जरूरी था
- दोहरी नागरिकता नहीं
- अलग झंडा खत्म
- अलग संविधान नहीं
- देश के कानून लागू
- सूचना के अधिकार का नियम लागू
- शिक्षा के अधिकार का नियम लागू
- बाहरी जमीन खरीद सकते हैं
- बाहरी से शादी पर लड़कियों के अधिकार नहीं छिनेंगे
370 हटने से क्या हुआ
- सेना पर पत्थरबाजी एकदम बंद
- पत्थरबाजों को नहीं मिलेगा पासपोर्ट
- अलगाववादियों को फंडिंग बंद
- आतंकी हमले एक तिहाई से कम
- आतंकवादियों के सफाये में तेजी
- घुसपैठ की घटनाएं कम हुई
- आर्थिक विकास की रफ्तार तेज
- सरकारी दफ्तरों पर लहराया तिरंगा
- विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन होगा
- पंचायत और फिर BDC चुनाव हुए
370 हटने के बाद बड़े बदलाव
- बाहर के लोग अब आसानी से जमीन खरीद सकेंगे
- सरकारी इमारतों पर तिरंगा फहराया जाने लगा
- पत्थरबाजों को अब पासपोर्ट जारी नहीं होंगे
- दूसरे राज्यों में शादी करने पर स्थानीय निवासी का दर्जा मिलेगा
- पहली बार पंचायत और फिर BDC चुनाव कराए गए
- गुपकार गठबंधन के तहत विरोधी पार्टियां एकजुट हुईं
- पांच दिसंबर को शेख अब्दुल्ला के जन्मदिन पर छुट्टी बंद
- जम्मू-कश्मीर विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन होने जा रहा है
कश्मीर के क्षेत्रीय दल सियासत साधने में जुटे
महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत वो लोग जो कश्मीर में अशांति फैलाकर अपनी सियासत साधना चाहते हैं लेकिन अब जम्मू कश्मीर सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है ...सवाल है अगर कश्मीरियों को मुख्यधारा में जोड़ कर विकास की राह पर लाया गया है तो उससे क्यों परेशानी है ...सवाल ये भी है कि विकास की राह पर चले नए कश्मीर का विरोध करने वाले कैसे घाटी के लोगों का हित चाहते हैं ..सवाल ये भी है कि महबूबा मुफ्ती बात बात पर पाकिस्तान का गुणगान और उससे बातचीत करने की बात क्यों करती है।