- पश्चिम बंगाल के मंत्री ने किया तीन तलाक बिल का विरोध
- टीएमसी नेता का बयान- विधेयक को स्वीकार करना किसी भी कीमत पर संभव नहीं
- तीन तलाक विधेयक को बताया इस्लाम पर हमला
कोलकाता: तीन तलाक बिल संसद के उच्च सदन राज्यसभा में मंगलवार को पास हो चुका है और राष्ट्रपति ने भी इस बिल को मंजूरी दे दी है इसके बाद अब यह बिल कानून का रूप अख्तियार कर रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि वह इस कानून का पालन नहीं कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल में जन शिक्षा मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित करेगा।
पत्रकारों से बात करते हुए चौधरी ने कहा, 'किसी भी कीमत पर इसे स्वीकार करना संभव नहीं है। वास्तव में हमें यह कदम पसंद नहीं है। यह किसी भी तरह से महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित नहीं करेगा।' आगे टीएमसी के मंत्री ने कहा, 'यह दुःख की बात है और इस्लाम पर हमला है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। जब केंद्रीय समिति की बैठक होगी तो हम आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे।'
गौरतलब है कि आमतौर पर तीन तालक विधेयक के तौर पर चर्चित मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 को मंगलवार को राज्यसभा में 99 सदस्यों की सहमति के साथ पास कर दिया गया जबकि 84 सदस्यों ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया। जनता दल (युनाइटेड) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के दोनों सहयोगी, चर्चा से बाहर रहे और इसी के साथ बहुमत का निशान 121 से नीचे आ गया। पिछली 16वीं लोकसभा द्वारा इस बिल को पास किया गया था और मंगलवार को आखिरकार इसे राज्यसभा से भी स्वीकृति मिल गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी बिल को स्वीकृति दे दी है।