- गत रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की हुई घटना
- त्रासदी में अब तक 35 लोगों की जान गई, अभी भी 204 लोग लापता हैं
- तपोवन सुरंग में फंसे 35 लोगों को बचाने के लिए बचाव कार्य जारी है
चमोली (उत्तराखंड) : रैणी गांव के पास नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। इसे देखते हुए चमोली पुलिस नदी के आस-पास रहने वाले लोगों को अलर्ट किया है और लोगों से न घबराने की अपील की है। घटना के पांचवें दिन भी राहत एवं बचाव कार्य जारी है। राज्य सरकार का कहना है कि इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है जबकि 204 लोग अभी भी लापता हैं। दो किलोमीटर लंबे तपोवन सुरंग में फंसे करीब 35 लोगों को बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है। सुरंग में फंसे लोगों को निकालने में एनडीआरएफ की टीम अपने खोजी कुत्तों की भी मदद ले रही है। राज्य सरकार का कहना है कि मृतकों में से 10 शवों की पहचान हो गई है। शेष शवों की पहचान होनी अभी बाकी है।
डीजीपी ने कहा-घबराने की जरूरत नहीं
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि ऋषि गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा है। इसे देखते हुए हमने राहत एवं बचाव कार्य को आधे घंटे के लिए रोक दिया है। हमारा मानना है कि इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ समय बाद पानी का स्तर कम हो जाएगा। बढ़े जलस्तर को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं रॉफ्टिंग टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। नदी के आस-पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है।
ऋषिगंगा कंपनी के दो कर्मचारी घर पहुंचे
राज्य सचिवालय ने बताया कि ऋषिगंगा कंपनी के दो कर्मचारी जो पहले लापता बताए गए थे, पता चला है कि वे सुरक्षित अपने घर पहुंच गए हैं। आईटीबीपी की डीआईजी अपर्णा कुमार ने कहा, 'सुरंग में कुछ और लोगों के फंसे होने की आशंका है। नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) लोगों का पता लगाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही है।' बाढ़ की वजह से चमोली जिले में जिन गांवों का संपर्क टूट गया है, वहां आईटीबीपी के जवान झूला ब्रिज का निर्माण कर रहे हैं। इन झूला ब्रिज का उपयोग राशन एक तरफ से दूसरी तरफ ले जाने में किया जाएगा।