- पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने विश्वविद्यालयों के बारे में लिया बड़ा फैसला
- अब राज्य में विश्वविद्यालयों के चांसलर राज्यपाल नहीं बल्कि सीएम होंगे
- इस फैसले से राज्यपाल धनखड़ और ममता के बीच तकरार बढ़ सकती है
West Bengal News : पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला किया। अब पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार की ओर संचालित होने वाले विश्वविद्यालयों के चांसलर राज्यपाल नहीं बल्कि मुख्यमंत्री होंगे। समझा जाता है कि ममता सरकार के इस फैसले से राज्यपाल जगदीप धनखड़ से तकरार और बढ़ेगी। ममता सरकार का कहना है कि अपने इस फैसले को लागू करने के लिए वह एक्ट में संशोधन करेगी। यह फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया। कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने दी। बता दें कि राज्यपाल धनखड़ ने कुछ दिनों पहले ममता सरकार पर आरोप लगाया कि उसने राजभवन की सहमति के बगैर कई वाइस चांसलर की नियुक्तियां की हैं।
बंगाल में 17 विवि के चांसलर हैं राज्यपाल
रिपोर्टों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में राज्यपाल प्रदेश की ओर से संचालित 17 विश्वविद्यालयों के चांसलर हैं। इनमें कलकत्ता विवि, जाधवपुर विवि, कल्याणी विवि, रवींद्र भारती विवि, विद्यासागर विवि, बर्दवान विवि और नॉर्थ बंगाल विवि शामिल हैं। गत जनवीर में धनखड़ ने आरोप लगाया कि ममता सरकार ने 25 विवि में वाइस चांसलर की नियुक्ति बगैर उनकी सहमति से की है। वहीं, ममता सरकार का कहना है कि सर्च कमेटी की ओर से चयनित वाइस चांसलर के नामों पर राज्यपाल को मंजूरी देनी चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करते तो शिक्षा विभाग को अपने फैसले पर आगे बढ़ने का अधिकार है।