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स्ट्रेचर पर अस्पताल लाई गईं ममता बनर्जी, क्या उन पर हमला हुआ या हादसे का शिकार हुईं? चश्मदीदों ने ये कहा

Updated Mar 10, 2021 | 22:20 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि नंदीग्राम में उन पर हमला हुआ है। उन्हें इलाज के लिए कोलकाता लाया गया। चश्मदीदों ने कुछ और ही दावा किया है।

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम से बुधवार शाम को एकाएक खबर आती है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चोट लगी है। उनको कोलकाता ले जाया जा रहा है। गाड़ी में बैठीं ममता बनर्जी ने कहा कि जब वह अपनी गाड़ी के नजदीक थी तो कुछ लोगों ने उन्हें धक्का दिया, जिसके कारण उनके पैर में चोट लग गई। 4-5 लोगों ने गाड़ी एकदम बंद कर दी। बहुत चोट लग गई। वहां लोकल पुलिस से कोई नहीं था। किसी की साजिश जरूर है। यह जानबूझकर किया गया है। 

बाद में उन्हें उठाकर गाड़ी में पीछे बिठाया गया और कोलकाता लाया गया। उन्हें कोलकाता के SSKM अस्पताल लाया गया। यहां भी उन्हें स्ट्रेचर पर अंदर ले जाया गया। 

बीजेपी ने बताया नौटंकी

अब सवाल है कि क्या उनके साथ किसी ने हाथापाई की और उन पर हमला किया, जैसा वो दावा कर रही हैं। वहीं बीजेपी और कांग्रेस ने उन पर नाटक करने का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर नाटक करने का आरोप लगाया। घोष ने कहा कि वह मुख्यमंत्री पर कथित 'हमले' की सीबीआई जांच की मांग करेंगे। बीजेपी के उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने कहा, 'क्या यह तालिबान है कि उसके काफिले पर हमला किया गया? भारी पुलिस बल उनके साथ जाता है। उसके पास कौन जा सकता है? 4 आईपीएस अधिकारी उनकी सुरक्षा प्रभारी हैं और उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए। उन्होंने सहानुभूति के लिए नाटक किया।' 

अधीर रंजन ने बताया पाखंड

कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सहानुभूति हासिल करने के लिए यह 'सियासी पाखंड' है। चुनाव से पहले, उन्होंने (ममता बनर्जी) नंदीग्राम में कठिनाइयों का सामना करने के बाद इस 'नौटंकी' की योजना बनाई। सिर्फ वह सीएम ही नहीं पुलिस मंत्री भी हैं। क्या आप मान सकते हैं कि पुलिस मंत्री के साथ कोई पुलिस नहीं थी?' 

चश्मदीदों ने कही ये बात

वहीं ममता बनर्जी को चोट लगने के समय वहां मौजूद सुमन नामक विद्यार्थी ने कहा कि उनको(ममता बनर्जी) देखने के लिए जनता इकट्ठा हो गई। उन्हें देखने के लिए लोग घेरकर खड़े हो गए। उसी समय उन्हें गर्दन और पैर पर चोट लग गई, धक्का तो नहीं दिया, गाड़ी धीरे-धीरे चल रही थी।' एक और चश्मदीद चितरंजन दास ने कहा कि मैं वहां था, वह (सीएम) अपनी कार के अंदर बैठी थीं लेकिन दरवाजा खुला था। एक पोस्टर को छूने के बाद दरवाजा बंद हो गया। किसी ने धक्का दिया या मारा नहीं...दरवाजे के पास कोई नहीं था।'
 

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