- पीएम की अपील पर संयुक्त राष्ट्र ने 2015 अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा की
- तबसे दुनिया में हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है
- इस बार योग के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नाटक के शहर मैसूर को चुना
Yoga Day 2022 : भारत सहित दुनिया भर में आज आठवां अतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। कर्नाटक के मैसूर में पीएम मोदी ने मनुष्य को शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाने वाले योग के आसन किए। मैसूर पैलेस ग्राउंड में बड़ी संख्या में जुटे लोगों को संबोधित करते हुए पीएम ने योग की जीवन में उपयोगिता एवं महत्ता बताई। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि 'हमें योग को जानना भी है, हमें योग को जीना भी है। हमें योग को पाना भी है, हमें योग को अपनाना भी है।'
हमें तनावमुक्त करता है योग-पीएम
योग के आसन करने से पहले पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'हम कितने तनावपूर्ण माहौल में क्यों न हों, कुछ मिनट का ध्यान हमें तनावमुक्त कर देता है, हमारी सृजनात्मकता बढ़ा देता है। इसलिए, हमें योग को एक अतिरिक्त काम के तौर पर नहीं लेना है। हमें योग को जानना भी है, हमें योग को जीना भी है। हमें योग को पाना भी है, हमें योग को अपनाना भी है। भारत में हम इस बार योग दिवस हम एक ऐसे समय पर मना रहे हैं जब देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष का पर्व मना रहा है, अमृत महोत्सव मना रहा है।'
'योग अब एक वैश्विक पर्व बन गया है'
उन्होंने कहा, 'योग दिवस की ये व्यापकता, ये स्वीकार्यता भारत की उस अमृत भावना की स्वीकार्यता है जिसने भारत के स्वतन्त्रता संग्राम को ऊर्जा दी थी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हमने इस बार 'गार्जियन रिंग ऑफ योगा' का ऐसा ही अभिनव प्रयोग विश्व भर में हो रहा है। दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्योदय के साथ, सूर्य की गति के साथ, लोग योग कर रहे हैं। दुनिया के लोगों के लिए योग आज हमारे लिए केवल पार्ट ऑफ लाइफ नहीं, बल्कि योग अब वे ऑफ लाइफ बन रहा है। योग अब एक वैश्विक पर्व बन गया है।'
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पीएम ने कहा कि योग पूरी मानवती के लिए है
पीएम ने आगे कहा, 'योग किसी व्यक्ति मात्र के लिए नहीं, संपूर्ण मानवता के लिए है। इसलिए, इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है- मानवता के लिए योग। मैसूरु में पीएम ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के खास मौके पर कहा कि योग, निरोग जीवन का विश्वास दे रहा है, योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को नई दिशा दे रहा है। घर-घर में योग का प्रचार और प्रसार हुआ। मैसूरू जैसे भारत के आध्यात्मिक केन्द्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया, आज वो योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है। आज योग मानव मात्र को निरोग जीवन का विश्वास दे रहा है।'