- एक डॉग की वफादारी ने मालिकन की जान बचा ली
- लुटेरे महिला पर फायर करने ही वाले थे कि पेट डॉग ने उन पर हमला कर दिया
- नकली खाकी वाले बन कारोबारी के घर लूट की नीयत से घुसे लुटेरे पकड़े गए
Jaipur Police Action : राजधानी जयपुर में एक डॉग की वफादारी ने मालिकन की जान बचा ली। लुटेरे महिला पर फायर करने ही वाले थे कि पेट डॉग ने उन पर हमला कर दिया। इसके बाद बदमाश घबरा गए और उन्हें मौके से भागना पड़ा। इस मामले में नकली खाकी वाले बन कारोबारी के घर लूट की नीयत से घुसे 6 लुटेरों को दबोचने में पुलिस को कामयाबी मिली है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए अपराधियों में से 3 यूपी और 3 जयपुर के रहने वाले हैं।
हालांकि गैंग के मुख्य सरगना दो जनें अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर हैं। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से वारदात के वक्त काम में ली गई एक बाइक और कार को जब्त की है। जयपुर कमिश्ररेट डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा के मुताबिक बदमाशों से की गई पूछताछ में सामने आया है कि जेल में बैठकर व्यवसायी के घर डकैती करने की साजिश रची थी। हालांकि कारोबारी की पत्नी ने व पेट डॉग की हिम्मत ने बदमाशों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
गैंग सरगना की तलाश जारी
डीसीपी वंदिता राणा ने बताया कि डकैती की योजना बनाने वाला हरियाणा के महेंंद्रगढ़ का रहने वाला गैंग लीडर विकास रोहिला व गोपाल अभी पकड़ में नहीं आए हैं, उनकी तलाश जारी है। फिलहाल पकड़े गए आरोपियों की शिनाख्त संजीव मीणा (23) निवासी शाहपुरा, सरताज (32) शाहरुख (26), प्रमोद जाटव (31) निवासी गढ़ मुक्तेश्वर, हापुड़ (उत्तर प्रदेश), विकास रैगर (20) गांव गुटामान सिंह रेनवाल , पवन मीणा (20) निवासी गांव लालासर रेनवाल को फुलेरा के रूप में हुई है। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। डीसीपी के मुताबिक बदमाशों ने वारदात को अंजाम देते समय बाइक व कार पर फेक नंबर प्लेेट लगाई थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए भागते समय कई इलाकों की गलियों से गुजरे थे। वहीं आरोपियों ने लूट से पहले तीन दिन तक कारोबारी के घर की रैकी की थी।
100 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले
डीसीपी के मुताबिक बदमाशों की पकड़ के लिए करीब 100 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। इस बीच कार के टायर व रंग के आधार पर पुलिस बदमाशों तक पहुंची। पुलिस ने सबूत मिलने के बाद जांच की तो कार फुलेरा में एक खाली प्लॉट में खड़ी मिली। इसके बाद पुलिस ने बदमाशों की पहचान कर दबोच लिया। डीसीपी के मुताबिक बदमाश इतने शातिर हैं कि, इन्होंने 6 सितंबर को अपने मोबाइल से सिमकार्ड निकाल दिए थे। इसके बाद डोंगल से नेट लेकर चाइनीज एप की मदद से एक दूसरे से बात करते थे।