- कोरोना वायरस में अपने आप को निगेटिविटी से दूर रखने की करें कोशिश
- 21 दिनों तक पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन घोषित किया गया
- सेल्फ आइसोलेशन के दौरान अपने आप को इस तरह से पॉजीटिव रखें
लोग घरों से काम कर रहे हैं। स्कूल कॉलेज ऑफिस बंद है। लोगों का घरों से बाहर निकलना पूरी तरह से बंद हो गया है। ऐसे में सोचना लाजिमी है कि कैसे लोगों का अपने ही घरों में आइसोलेटेड रहना संभव हो पाएगा। ऐसे में जानें आप अपने आप को कैसे निगेटिविटी से दूर रख सकते हैं। भारतीय परंपरा है कि वे एक दसरे से घुलते मिलते हैं उनसे बात करते हैं। ऐसे मुश्किल समय में आपको पॉजीटिव और आशावादी रहना बहुत जरूरी है।
आप इस समय का बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे माहौल में आप अपनी हॉबीज और शौक को पूरा करें। बुक रीडिंड में या क्रियेटिविटी में इंवाल्व करें। अगर कोई आइसोलेटेड स्टेट में भी रहता है तो उसे सबसे पहले पॉजीटिव रहना बहुत जरूरी है क्योंकि उस हालात में उसे किसी से मिलना नहीं होता है किसी से बात करना नहीं होता है। अगर आपको कोई दर्द भी रहा है कोई डर भी मन में है तो ऐसे हालातों में आपको किसी न किसी चीज में इंवाल्व रहना चाहिए।
क्रियेटिविटी में हों इंवाल्व
अगर आपका बाहरी दुनिया से पूरी तरह से संपर्क कट गया है तो आप अपनी क्रियेटिविटी पर ध्यान दे सकते हैं। ऐसे केस में आप एक पेपर में अपनी डर और अपनी कमजोरियों को लिखकर फाड़ कर फेंक दे। इससे आपकी निगेटिविटी दूर होगी। किसी को डांसिंग, सिंगिंग, पेंटिंग, फोटोग्राफी का शौक है तो आप इसमें खुद को व्यस्त रखें।
मन से निकाल दें ये ख्याल
लोग डर के साये में जी रहे हैं कि वे महामारी के दौर में जी रहे हैं और उनकी मौत अब निश्चित है। लेकिन मरीज को सबसे पहले अपने मन से इस ख्याल को निकाल देना चाहिए कि उनका जीवन समाप्त हो रहा है। सबसे जरूरी चीज है कि वे अपने आप को पॉजीटिव रखें उसके बाद ही किसी प्रकार की दवा शरीर पर काम करती है।
करें ये काम
इसी तरह आप अगर अपनों सो मिल नहीं सकते हैं तो आप उनसे फोन पर वीडियो कॉल के जरिए उनसे अच्छी-अच्छी बातें करें, मोटिवेशनल स्पीच सुनें। ये करने से आपके मन से निगेटिविटी दूर होती है और आपके मन से डर वहम भी चला जाता है। इतना ही नहीं जीवन के प्रति आपका लगाव बढ़ जाता है और आपकी जीने की इच्छा भी प्रबल होने लगती है।