Global Handwashing Day: आज यानी 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे है। इसका मकसद है कि बीमारियों को रोकने और जीवन बचाने के लिए प्रभावी और किफायती तरीके से साबुन से हाथ धोने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए। वैश्विक हैंडवाशिंग दिवस लोगों को साबुन से हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए रचनात्मक तरीके अपनाने का एक अवसर है।
इस बार इसकी थीम है- 2021- हमारा भविष्य हाथ में है- आइए एक साथ आगे बढ़ें (Our Future Is at Hand – Let’s Move Forward Together)।
इतिहास
ग्लोबल हैंडवाशिंग डे की शुरुआत ग्लोबल हैंडवॉशिंग पार्टनरशिप (GHP) द्वारा अगस्त 2008 में स्टॉकहोम, स्वीडन में वार्षिक विश्व जल सप्ताह में की गई थी। इसका मतलब है कि पहला वैश्विक हाथ धोने का दिन 15 अक्टूबर 2008 था। तारीख संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा नियुक्त की गई थी। वर्ष 2008 अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता वर्ष भी था।
कोरोना काल में आई समझ
कोरोना काल में इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। जबसे कोरोना की शुरुआत हुई है, ये बात हर किसी तक पहुंच गई है कि इस महामारी की रोकथाम में हाथ स्वच्छ रखना कितना जरूरी है। बार-बार हर बार लोगों को डॉक्टरों ने विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए हाथ साफ रखना बेहद जरूरी है। आप बार-बार अच्छी तरह से अपने हाथ साबुन से साफ करें। 20 सेकंड तक हाथों की अच्छे तरीके से सफाई की जाए। कहीं से आ रहे हैं या जा रहे हैं या कुछ छू रहे हैं तो उससे पहले और बाद में अपने हाथ सैनेटाइज करें। लोगों बार-बार अपने हाथों को साफ रखने लगे हैं। आज शायद ही कोई घर हो जहां सैनेटाइजर न हो। सार्वजनिक स्थानों पर भी हाथ साफ करने के लिए सैनेटाइजर होता है। हाथों की उचित सफाई बीमारियों, विशेष रूप से श्वसन और आंतों के जोखिम को 20 से 25% तक कम कर सकती है।