- 15 अगस्त को देश में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है
- इस साल 75वें स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा
- आप आजादी की शायरियां और तस्वीरें बतौर शुभकामना संदेश भेज सकते है
नई दिल्ली: 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत से इसी दिन ब्रिटिश साम्राज्य का शासन खत्म हुआ था और भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था। आजादी दिवस हर भारतीय के लिए एक हम और गर्व का दिन होता है। इस वर्ष यानी 2021 में देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
देश की राजधानी दिल्ली के लाल किले पर भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह की थीम 'नेशन फर्स्ट, ऑलवेज फर्स्ट' होगी, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इस मौके पर आप आजादी की शुभकामनाओं से लबरेज शायरी अपनों को भेज सकते हैं।
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वफा आएगी
(लाल चन्द फलक)
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाज़ू-ए-कातिल में है
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमां
हम अभी से क्यूं बताएं क्या हमारे दिल में है
(बिस्मिल अजीमाबादी)
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है जमाने में नाम-ए-आजादी
(फिराक गोरखपुरी)
तन की सर-जमीं से इश्क ओ उल्फत हम भी रखते हैं
खटकती जो रहे दिल में वो हसरत हम भी रखते हैं
ज़रूरत हो तो मर मिटने की हिम्मत हम भी रखते हैं
ये जुरअत ये शुजाअत ये बसालत हम भी रखते हैं
(जोश मलसियानी)
कहां हैं आज वो शम-ए-वतन के परवाने
बने हैं आज हक़ीक़त उन्हीं के अफ्साने
(सिराज लखनवी)
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसितां हमारा
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा
(अल्लामा इकबाल)
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अंधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
(जावेद अख्तर)
वतन के जां-निसार हैं वतन के काम आएंगे
हम इस जमीं को एक रोज आसमां बनाएंगे
(जाफर मलीहाबादी)
दुख में सुख में हर हालत में भारत दिल का सहारा है
भारत प्यारा देश हमारा सब देशों से प्यारा है
(अफसर मेरठी)
वतन की पासबानी जान-ओ-ईमाँ से भी अफजल है
मैं अपने मुल्क की खातिर कफन भी साथ रखता हूँ
(अज्ञात)
न होगा राएगा खून-ए-शहीदान-ए-वतन हरगिज
यही सुर्खी बनेगी एक दिन उनवान-आजादी
(नाजिश प्रतापगढ़ी)
ये बात हवाओं को बताए रखना
रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाए रखना
(अज्ञात)
जो भरा नहीं है भावों से
बहती जिसमें रसधार नहीं
वह हृदय नहीं है पत्थर है
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं
(अज्ञात)
भारत के ऐ सपूतो हिम्मत दिखाए जाओ
दुनिया के दिल पे अपना सिक्का बिठाए जाओ
(लाल चन्द फलक)