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Happy Mahashivratri 2022 Sanskrit Wishes Images, Quotes: संस्कृत के कोट्स, संदेशों से दें महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं

Updated Mar 01, 2022 | 14:47 IST

Happy Mahashivratri 2022 Sanskrit Wishes Images, Quotes, Status, Messages: महाशिवरात्रि का पर्व आज यानी एक मार्च को मनाया जा रहा है। इस मौके पर आप संस्कृत में भी शुभकामकामना संदेश भेज सकते हैं।

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Happy Maha Shivratri 2022 Sanskrit Wishes Images:
मुख्य बातें
  • महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
  • महाशिवरात्रि आज यानी 1 मार्च को मनाई जा रही है।
  • फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।

 Happy Mahashivratri 2022 Sanskrit Wishes Images, Quotes, Status, Messages: आज यानी एक मार्च को  महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर लोग भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा कई लोग व्रत भी रखते हैं। महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।

इस बार चतुर्दशी तिथि 28 फरवरी की रात में 01 बजकर 59 बजे से प्रारम्भ होगी जो 1 मार्च दिन मंगलवार को रात में 12 बजकर 17 बजे तक रहेगी।  12 शिवरात्रिओं में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण इस महाशिवरात्रि को माना जाता है। यह साल में एक बार ही होता है। इस मौके पर आप अपनों को संस्कृत में भी महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं भेज सकते है।

 नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै ‘न’ काराय नमः शिवाय ।।
ऊं नमः शिवाय ।।

पी के भांग जमा लो रंग
जिन्दगी बीते खुशियों के संग
लेकर नाम शिव भोले का
दिल में भर लो शिवरात्रि की उमंग
महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाई 

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महाशिवरात्रि संस्कृत में शुभकामनाएं

 शिवरात्रिव्रतं ह्येतत्‌ करिष्येऽहं महाफलम
निर्विघ्नमस्तु से चात्र त्वत्प्रसादाज्जगत्पते।।

 आपृच्छस्व पुराणम् आमन्त्रयस्व च नवम् आशा-सुस्वप्न-जिगीषाभिः
महाशिवरात्रिउत्सवस्यशुभाशयाः॥

 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात ॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय,
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम: शिवाय ॥

. करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

 ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्

 मृत्युञ्जयाय रुद्राय नीलकन्ताय शंभवे
अमृतेषाय सर्वाय महादेवाय ते नमः

कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानीसहितं नमामि ॥