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Happy Mother's Day 2022 Hindi Shayari, Wishes: मदर्स डे पर इन शायरियों से बनाएं अपनी मम्मी का दिन खास, ऐसे दें मुबारकबाद

Updated May 08, 2022 | 12:48 IST

Happy Mother's Day 2022 Wishes Hindi Shayari, Images, Messages: मदर्स डे इस साल आठ मई को पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। मदर्स डे के मौके पर आप इन शायरियों के जरिए मदर्स डे की मुबारकबाद भेज सकते हैं।

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मदर्स डे की शायरी
मुख्य बातें
  • हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को पूरी दुनिया में मदर्स डे मनाया जाता है।
  • इस साल मदर्स डे 8 मई को मनाया जाएगा।
  • मां के लिए हर दिन खास होता है लेकिन, मदर्स डे पर उन्हें और भी ज्यादा खास बनाने का मौका मिलता है।

 Happy Mother's Day 2022 Wishes Hindi Shayari, Images, Messages: मदर्स डे के दिन इस दिन बच्चे कोशिश करते हैं कि उनका ज्यादातर समय अपनी मां के साथ बीते। कई बच्चे अपनी मां को लेकर कहीं घूमने चले जाते हैं। तो कुछ लोग घर में ही साथ में मस्ती करते हैं और एक अच्छा वक्त बिताते हैं। हालांकि, कई बच्चे ऐसे होते हैं चो चाहकर भी अपनी मां से मदर्स डे पर नहीं मिल पाते हैं। 8 मई को इस साल मदर्स डे मनाया जाएगा।

जो लोग अपनी मां से नहीं मिल पाते हैं वो फोन से ही उन्हें शुभकामनाएं दे देते हैं। अगर आप भी अपनी मां को मैसेज भेजकर बताना चाहते हैं कि आप उन्हें कितना मिस कर रहे हैं, तो बिना देरी किए इन कोट्स, शायरी, संदेश, फोटो, वॉलपेपर भेजकर इस कमी को दूर कर लें और इस मदर्स डे को हमेशा के लिए यादगार बना दें ।

चलती फिरती हुई आंखों से अजां देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी, मां देखी है
(मुनव्वर राना)

मुझे मालूम है मां की दुआएं साथ चलती हैं
सफर की मुश्किलों को हाथ मलते मैंने देखा है
(आलोक श्रीवास्तव)

मुद्दतों बाद मयस्सर हुआ मां का आंचल
मुद्दतों बाद हमें नींद सुहानी आई
(इकबाल अशहर)

मां की आगोश में कल मौत की आगोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले
(कैफ भोपाली)

एक दुनिया है जो समझाने से भी नहीं समझती
एक मां थी बिन बोले सब समझ जाती थी
(अज्ञात)

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है
(मुनव्वर राना)

हर मंदिर, हर मस्जिद और हर चौखट पर माथा टेका
दुआ तो तब कबूल हुई जब मां के पैरों में माथा टेका
(अज्ञात)

मैं रोया परदेस में भीगा मां का प्यार
दुख ने दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार
(निदा फाजली)

भारी बोझ पहाड़ सा कुछ हल्का हो जाए
जब मेरी चिंता बढ़े मां सपने में आए
(अख्तर नज्मी)

आज फिर मां मुझे मारेगी बहुत रोने पर
आज फिर गाँव में आया है खिलौने वाला
(अज्ञात)

मां के बिना जिंदगी वीरान होती है
तन्हा सफर में हर राह सुनसान होती है
जिंदगी में मां का होना जरूरी है
मां की दुआओं से ही हर मुश्किल आसान होती है।

हर रिश्ते में मिलावट देखी, कच्चे रंगों की सजावट देखी
लेकिन सालों साल देखा है मां को
उसके चेहरे पर न थकावट देखी
ना ममता में मिलावट देखी।

अकेली हो जाती है दुनिया
जब मां कहती है
तू भी कुछ सीख ले
मैं कब तक साथ रहूंगी।

मैं फेंक दिए हैं ताबीज़ और कलावे
मां की दुआओं से ज़्यादा
शक्ति किसी चीज़ में नहीं होती।

जब भी क़श्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
मां दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है।