- सपनों की दूनिया अलग ही होती है ये अच्छे भी होते हैं और बुरे भी हो सकते हैं
- सपनों का स्वभाव इंसान के व्यवहार व उसकी लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है
- पिछले 48 घंटों में जो भी आपके साथ होता है उसका सीधा कनेक्शन सपनों से होता है
सपने हर कोई देखता है और ये आम बात है। सपनों की दुनिया भी अलग ही होती है, ये अच्छे भी होते हैं बुरे भी हो सकते हैं। कभी-कभी अपने आस-पास के माहौल को दिमाग में रखने के कारण रात को नींद में बुरे सपने आते हैं तो कभी-कभी नींद में अच्छे खयाल भी आते हैं। सपनों का स्वभाव कहीं न कहीं इंसान के व्यवहार व उसकी लाइफस्टाइल उसके आस पास के माहौल पर निर्भर करता है।
आज कल की भागदौड़ भरी दुनिया में सुपनों पर भी इसका असर पड़ा है। महामारी के इस दौर में और दूसरी तरफ एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में लोग डिप्रेशन में जा रहे हैं। हर समय उन्हें मन में एक डर सा लगा रहता है ऐसे में रात को नींद में भी उन्हें डरावने व बुरे सपने ही आते हैं जिनसे वे और भी नकारात्मक हो जाते हैं।
बदली लाइफस्टाइल का असर
साल 2020 की शुरुआत हर किसी ने नई उम्मीदों, नई चुनौतियों व नए लक्ष्यों के साथ किया था। लेकिन जैसे ही साल का पहला महीना बीता दुनिया में कोविड-19 नामक एक ऐसी महामारी फैली कि इसने लोगों के दिमाग में घर कर लिया। दिन प्रतिदिन इसका दहशत बढ़ता ही गया और अब भी इसके खत्म होने के कोई आसार नहीं दिख रहे। लोगों की लाइफस्टाइल पूरी तरह से बदल गई वे अब डर के साये में जी रहे हैं। आपको एहसास हो या ना हो लेकिन ये सच है कि इस लाइफस्टाइल का असर आपकी नींद पर और आपके सपनों पर भी पड़ा है। कई एक्सपर्ट भी इस पर शोध कर रहे हैं कि ऐसे बुरे सपनों के पीछे क्या कारण है और इसका क्या किया जाए।
सपने क्यों आते हैं
एक्सपर्ट्स के मुताबिक किसी की लाइफ में पिछले 24 से 48 घंटों में जो कुछ भी हुआ होता है उसी का असर उसके सपनों पर पड़ता है। पिछले 48 घंटों में जो कुछ उसके साथ या उसके आस-पास घटना घटी है उसी के बारे में वह सोचता रहता है और फिर यही उसके सपनों में भी आता है। इस दौरान आप तो पूरी नींद में होते हैं लेकिन आफका दिमाग जगा होता है और वह पूरी तरह से एक्टिव रहता है। ऐसे में आपको स्ट्रेस और दर्द देने वाले इमोशन आते हैं। आज की महामारी के दौर में ऐसे मामले ज्यादा आते हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि बुरे सपनों से परेशान होने की बजाए उनसे सीख लेनी चाहिए कि उनके दिमाग में ऐसा क्या चल रहा है कि उन्हें निगेटिव सपने आ रहे हैं। ये पता लगाने की जरूरत होनी चाहिए कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जिनसे उनका सपना जुड़ा हुआ है और उस चीज का पता चल जाता है तो कोशिश करें कि उसका अपने आप पर प्रभाव ना पड़ने दें उसे अपने ऊपर हावी ना होने दें। इसलिए सपनों से परेशान होने की जरूरत नहीं है कि इसका आपके लाइफ में आपके भविष्य पर क्या असर पड़ेगा। ये बस आपके दिमाग में चल रही चीजों का रिफ्लेक्शन है।
क्यों हो रहा है ऐसा
पिछले कुछ महीनों से हर किसी की लाइफस्टाइल में जबरदस्त बदलाव आया है। कोविड-19 महामारी ने लोगों की पर्सनल लाइफ और उनकी सोशल लाइफ तक को प्रभावित किया है। ऐसे में अधिकतर लोगों को मेंटल स्ट्रेस की शिकायत हो रही है। उन्हें रात में नींद में एक जैसे ही सपने आ रहे हैं जिनमें निगेटिव सपने ज्यादा होते हैं।
कैसे पाएं इनसे छुटकारा
ऐसे बुरे सपनों से निजाते पाने को ही स्लीप हाईजीन कहते हैं। स्लीप हाईजीन मेंटेन करने के लिए आपको थोड़ी सी सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके लिए आप बेड पर जाने से पहले मेंटल हेल्थ से जुड़ी एक्सरसाइज कर लें, शराब पीना छोड़ दें और मोबाइल पर कम समय बिताएं। इन सबके बावजूद सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपका अपने दिमाग पर कंट्रोल होना।
अगर आपको आधी रात में बेहद डरावने सपने जैसे महामारी से जुड़े खतरनाक सपने आ रहे हैं जो आपको बेहद परेशान कर रहे हैं तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप 1000 की गिनती उल्टी गिनना शुरू कर दें या फिर किसी ऐसी चीज के बारे में सोचना शुरू कर दें जो आपको खुशियां देती हों। इसके अलावा आप ये भी कर सकते हैं कि ऑडियो टेप ऑन करके कोई स्पील मेडिटेशन ऑडियो सुन सकते हैं।