लाइव टीवी

Healthy relationship signs: क्‍या आपका र‍िश्‍ता है दूसरों के ल‍िए म‍िसाल, इन बातों से जानें

मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated Jun 25, 2020 | 17:03 IST

ache rishte ki baatein : इन द‍िनों जब र‍िलेशनश‍िप में तमाम तरह की जट‍िलताएं देखने में आ रही हैं, क्‍या आपका र‍िश्‍ता इतना मजबूत है क‍ि वह दूसरों के ल‍िए म‍िसाल बन जाए।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspShutterstock
Qualities of a good relationship: क्‍या हैं अच्‍छे र‍िश्‍ते की खूब‍ियां
मुख्य बातें
  • हेल्‍दी र‍िलेशन की कुछ न‍िशान‍ियां हैं जो आपको दूसरों से अलग करती हैं
  • खुलकर बातचीत करना और एक दूसरे को पूरा स्‍पेस देने से र‍िश्‍ता मजबूत होता है
  • झगड़ों को नजरअंदाज करके चलने से र‍िश्‍ते में प्‍यार हमेशा बरकरार रहता है

हम सभी एक अच्‍छे र‍िश्‍ते की चाहत रखते हैं और इसे बनाने में वक्‍त और प्रयास, दोनों ही लगते हैं। कई बार चीजें काम करती हैं और कई बार ब‍िना पता लगे ही हाथ से न‍िकलती जाती हैं। लेक‍िन एक बार गाड़ी पटरी पर बैठ जाए तो फ‍िर इसे संभालना आसान हो जाता है और आपका र‍िश्‍ता दूसरों के ल‍िए ही मिसाल बन जाएगा। 

जानें क्‍या बनता है अच्‍छे र‍िश्‍ते का आधार

खुलकर करें बातचीत 
क‍िसी भी र‍िश्‍ते का आधार खुलकर बातचीत करना होता है। हेल्‍दी र‍िलेशन के ल‍िए बेहतर है क‍ि पार्टनर के साथ खुलकर बात करें। बातों को छिपाएं नहीं, इससे भरोसा टूटता है। इसमें घर, ऑफ‍िस सब शामिल होना चाह‍िए। 

एक दूसरे को स्‍पेस दें 
र‍िश्‍ते में जहां करीबी होनी चाह‍िए, वहीं थोड़ा स्‍पेस भी र‍िलेशन को मजबूत करता है। जहां आप बहुत सा काम साथ करते होंगे, वहीं दूसरे को अपने मन की करने की थोड़ी छूट जरूरी म‍िलनी चाह‍िए। 

दूसरे के मत को दें पूरी र‍िस्‍पेक्‍ट 
कई फैसलों पर आप एकमत होते होंगे लेक‍िन हर बार ऐसा होना जरूरी नहीं है। दूसरे के व‍िचारों के आराम से सुनें और फ‍िर दोनों मिलकर समाधान न‍िकालें। इसके ल‍िए बेहतर होगा क‍ि कुछ वक्‍त लें। इससे आप दोनों एक दूसरे की बातों को अच्‍छी तरह समझ पाएंगे। 

कम‍ियों को पहचानें और स्‍वीकारें 
परफेक्‍ट पार्टनर की चाहत सभी को होती है लेक‍िन ऐसा साथी म‍िल पाना लगभग नामुमक‍िन है। इसकी बजाय आप अपने साथी की कमियों की पहचानें और स्‍वीकारें। इससे परेशानी भी कम होगी और एडजस्‍टमेंट भी बनेगी। 

भरोसा बनाएं और इज्‍जत दें 
अच्‍छे र‍िश्‍ते का आधार भरोसा और एकदूसरे का मान ही होता है। इस कड़ी को कभी भी क‍िसी भी सूरत में टूटने न दें। क‍ितना भी गुस्‍सा हो और झगड़ा कितना ही बड़ा क्‍यों न हुआ हो, दूसरों के सामने अपशब्‍द न बोलें और न ही पीठ पीछे बुराई करें। और हां, र‍िश्‍ते से बाहर सपोर्ट ढूंढने की तो सोचें भी नहीं।