Hindi Diwas 2022 Date, History in Hindi: भारत विविधताओं का देश है। यहां सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती है। जिनमें हिंदी सबसे अधिक राज्यों में बोली जाने वाली भाषा है। इसकी महत्ता को देखते हुए हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह द्वारा हिंदी को राष्ट्रभाषा (Hindi Diwas) बनाने के लिए कड़ी मेहनत की गई। अंततः संविधान सभा द्वारा हिंदी को राजभाषा घोषित कर राजेंद्र सिंह के ही जन्म दिन पर हिंदी दिवस (Hindi Diwas kyu manaya jata hai) को मनाने का फैसला लिया गया। तभी से 14 सितंबर को हिंदी दिवस (when is Hindi Diwas in 2022) के रूप में मनाया जाने लगा। अब हिंदी दिवस के महत्व (Hindi Diwas History) और इसके इतिहास के बारे में जान लेते हैं।
हिंदी दिवस इतिहास, Hindi Diwas history
महात्मा गांधी ने साल 1918 में एक हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी जनमानस की भाषा भी कहा करते थे। इसके बाद वर्ष 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो देश में राजभाषा (Hindi Diwas history in hindi 2022) के चुनाव पर सवाल खड़ा हुआ। फिर 14 सितंबर 1949 को विचार-विमर्श के बाद संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा घोषित कर दिया गया। भारतीय संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343 (1) में इसका वर्णन है।
दरअसल यह निर्णय 14 सितंबर को लिया गया था। संयोगवश इसी दिन हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह का पचासवां जन्मदिन भी था। इसीलिए 14 सितंबर को हिंदी दिवस के लिए श्रेष्ठ मान कर हर साल इसे मनाने का ऐलान किया गया। आपको बता दें कि पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 (when was first hindi diwas celebrated) को मनाया गया था। हिंदी को विशेष दर्जा दिलवाने में मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, साथ गोविंद दस, काका कालेलकर की अहम भूमिका रही है।
हिंदी दिवस का महत्व
हिंदी के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए हिंदी दिवस व्यापक रूप से मनाया जाता है। साथ ही यह दिन हिंदी के महत्व को बतलाता है। आपको बता दें कि हिंदी देश के लगभग 77% लोग बोलचाल में इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा यह रोजगार का एक साधन भी है। ऐसे में देश की राष्ट्रभाषा के लिए कोई खास दिन समर्पण करना, भाषा के प्रति लोगों के प्रेम को दर्शाता करती है