- पचमढ़ी हिल स्टेशन को कहा जाता है सतपुड़ा की रानी
- यहां पर आप प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक स्थल का शानदार नजारा देख सकते हैं
- यह स्थान 1067 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है
मध्यप्रदेश में अगर गर्मियों की तपिश से राहत लेनी है और पर्वतीय क्षेत्रों के शानदार दृश्य का आनंद लेना है तो पचमढ़ी हिल स्टेशन बेस्ट जगह है जहां आप प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक स्थल का शानदार नजारा देख सकते हैं। यहां पर हर साल लगभग लाखों की संख्या में सैलानी इस पर्यटन स्थल का दीदार करने आते हैं। आपको बता दें यह सतपुड़ा की पहाड़ियों से लगभग 1067 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
अपनी प्राकृतिक सुंदरता और मनोरम दृश्य के कारण यह हिल स्टेशन सतपुड़ा की रानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर घने जंगल और ऊंचाइयों से गिरते झरनों को देख आपका मन प्रफुल्लित हो उठेगा। छुट्टियो का आनंद लेने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है। तो आइए ऐसे में जानते हैं सतपुड़ा की रानी पंचमढ़ी के बारे में कुछ रोचक बातें।
चारों तरफ हरे भरे जंगलों से घिरा, पहाड़ों की ऊंचाई से गिरते झरने इस पहाड़ी की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। यहां पर घूमते हुए जंगली जानवर जैसे शेर, तेंदुआ को देख आपका मन रोमांचित हो उठेगा। पंचमढ़ी पहाड़ी के शानदार नजारे को देखने के लिए आप जीप या दो पहिया वाहन भी रिजर्व कर सकते हैं।
प्राकृतिक शिवलिंग का करें दर्शन
पंचमढ़ी हिल स्टेशन से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भगवान शिव का प्राकृतिक शिवलिंग जटाशंकर गुफा के नाम से है। यहां पर आप भोलेनाथ के प्राकृतिक शिवलिंग का दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के पास मौजूद चट्टान पर हनुमान जी की मूर्ती बनी हुई है। जिसको लेकर यहां पर स्थानीय लोगों की अनेको मान्यताएं हैं।
पांडव गुफा
महाभारत काल के अनुसार यहा पर पांच गुफाएं मौजूद जिन्हें पांडव गुफा कहा जाता है। जिनमें द्रौपदी कोठरी और भीम कोठरी प्रमुख स्थान है। आपको बता दें एक छोटी पहाड़ी यह पांच गुफाएं बनी हुई हैं। इन्ही पांच गुफाओं के कारण इस स्थान को पचमढ़ी गुफा के नाम से भी जाना जाता है। इस गुफा को लेकर मान्यता है कि पांडव अपने वनवास के दौरान यहां पर ठहरे थे। पुरात्तवों का मानना है कि इन गुफाओं को 9वीं और 10वीं शताब्दी में गुप्तकाल के दौरान बौद्धों द्वारा बनवाया गया था।
हांडी खोह
आपको बता दें यह खाई पंचमढ़ी की सबसे गहरी खाई है, जिसकी गहराई लगभग 300 फीट है। यहां पर आप हरेभरे घने पेड़ पौधों से ढके जंगलों को देख और पानी के कलकल बहते झरनों की आवाज सुन आनंदिक हो उठेंगे। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने यहां पर एक राक्षस रूपी सर्प को चट्टान के नीचे दबाकर रखा था।
इस तरह पहुंचें
पचमढ़ी पहाड़ी का दीदार करने के लिए आप रेलमार्ग, वायु मार्ग और सड़क मार्ग से भी जा सकते हैं। अगर आप सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो आपको भोपाल, इंदौर, नागपुर, छिंदवाड़ा तथा पिपरिया से होते हुए जाना होगा। यहां पर आप रेल मार्ग के द्वारा भी जा सकते हैं। यहां का सबसे पास स्टेशन पिपरिया है।