- मिठाइयों में ज्यादातर असली चांदी की जगह एल्यूमीनियम के वर्क का इस्तेमाल होता है।
- नकली चांदी का वर्क सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- इसकी पहचान के लिए इसे हाथों से रगड़कर देखना अच्छा विकल्प है।
Silver Foil on sweets : त्योहार के मौके पर अक्सर घरों में मिठाइयां आती हैं। रक्षाबंधन के मौके पर भी बाजार में तरह-तरह के डिजाइन और फ्लेवर की मिठाइयां मिल रही हैं। इन्हें आकर्षक बनाने के लिए इन पर चांदी का वर्क लगाया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है नकली चांदी की कोटिंग वाली स्वीट को खाने से आप स्किन एलर्जी या अन्य किसी गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में असली और नकली में फर्क जानना बेहद जरूरी है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही आसान टिप्स के बारे में बताएंगे।
1.त्योहार के दौरान मिलावटखोर भी सक्रिय हो जाते हैं। ज्यादा मुनाफा कमाने की लालच में वे लोगों की सेहत से खिलवाड़ करते हैं। तभी बाजार में बिकने वाली कई मिठाइयों में नकली चांदी का वर्क लगा होता है। इसकी पहचान के लिए इसे छूकर देखें। अगर इसे पोंछते समय ये आपके हाथ में चिपकता है, तो समझ जाएं कि इसमें चांदी की जगह एल्युमिनियम है। जबकि इसके न चिपकने पर ये असली माना जाता है।
2.फूड बिजनेस ऑपरेटर के अनुसार नकली चांदी के वर्क में लेड, क्रोमियम और कैडमियम जैसे हानिकारक तत्व होते हैं। इसकी पहचान के लिए इसे रगड़ कर देखें। अगर अगर चांदी गायब हो जाती है तो समझ जाएं ये असली है, जबकि अगर ये एक बॉल के रूप में इक्कट्ठा हो जाएं तो समझ जाना चाहिए कि ये नकली है।
3.नकली चांदी का वर्क थोड़ा मोटा होता है जबकि असली वर्क काफी महीन होता है। अगर इसे गर्म किया जाए तो चांदी का वर्क सिकुड़ जाएगा, जबकि नकली वर्क के गर्म होने पर ये काला पड़ जाएगा।
4.चांदी के वर्क की पहचान के लिए इसे एक परखनली में डालें और हाइड्रोक्लोरिक एसिड की एक बूंद डालें। अगर सफेद धुंआ निकलता है तो ये मिलावटी है और अगर चांदी असली है तो इससे धुंआ नहीं निकलेगा।
इन बीमारियों का खतरा
नकली चांदी के वर्क वाली मिठाइयां खाने से कैंसर, फेफड़े और दिमाग की कई बीमारियां हो सकती हैं। इससे व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, आंतों में ऐंठन और त्वचा पर लाल दाने व रैशेज हो सकते हैं।