- उत्तराखंड का ऋषिकेश प्राकृतिक नजारों से भरपूर
- दुनिया की योग राजधानी के नाम से मशहूर
- खूबसूरत वादियों और रोमांच के लिए जाएं जरूर
Rishikesh Tour : प्राकृतिक नजारों की अप्रतिम नगरी ऋषिकेश अध्यात्म, प्राकृतिक नजारों और रोमांच का अनोखा संगम स्थल है। उत्तराखंड की वो जगह जहां जाकर आप खुद को स्वर्ग में महसूस करेंगे। कल कल बहती पावन गंगा की धार, हरियाली को ओढ़े ऊंचे ऊंचे पहाड़ और उन पहाड़ों पर पड़ती सूरज की चंचल किरणें। नजारा ऐसा मानो आपको सम्मोहित कर रहा हो।
दृश्य ऐसा कि हजारों श्रद्धालु हर हर महादेव और हर हर गंगे जयघोष कर रहे हैं। आनंद ऐसा जिसके लिए आप का जाना पूरी तरह सफल है। ऋषिकेश में जैसे ही आप गंगा किनारे जाते हैं तो आप प्रकृति के उस मदहोश कर देने वाले वातावरण में पहुंच जाते हैं जो किसी स्वर्ग की तरह सुंदर और सम्मोहित करने वाला होता है। मंदिरों की घंटी, गंगा की लहरों की आवाज और प्रकृति का पावन स्वर... ये सब आपको अपने आगोश में ले लेता है और आप को जाते हैं एक अलग दुनिया में। '
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदरानाथ और बद्रीनाथ का प्रवेशद्वार माना जाने वाला पूरा ऋषिकेश ही घूमने में आपको आनंद आता है। मगर कुछ खास स्पॉट की बात करें तो गंगा पर बने त्रिवेणी घाट, जानकी पुल, लक्ष्मण झूला, राम झूला काफी प्रसिद्ध है। साथ ही पहाड़ों पर बसा नीलकंठ महादेव मंदिर भी भक्तों के आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर को लेकर किवदंती है कि भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष इसी स्थान पर पीया था। वशिष्ठ गुफा के साथ कई आश्रम हैं जहां अध्यात्म और आत्मिक शांति के लिए आप जा सकते हैं। वो टूरिस्ट जो रोमांच और प्राकृतिक नजारों के लिए यहां जाता है उसके लिए रिवर राफ्टिंग, कैंपिंग, बंजी जंपिंग के साथ कई वाटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकते हैं।
रोमांच के करीब बितानी हो रात
अगर आप दिनभर खूबसूरत वादियों में घूमने का आनंद लेने के साथ ही अपनी रात भी रोमांच में बिताना चाहते हैं तो पहाड़ पर किसी कैंप, रिजॉर्ट या फिर कॉटेज में भी ठहर सकते हैं। शिवपुरी इलाके में कई कैंप डेस्टिनेशन आपको मिल जाएंगे। यहां खाना, रहना, म्यूजिक पार्टी के साथ आपको कई सुविधाएं मिल जाती हैं। ये थोड़ा एडवेंचरस होता है लेकिन परिवार के साथ इस तरह की जगहों पर ठहरना थोड़ा खतरनाक भी हो सकता है क्योंकि पहाड़ों पर अक्सर लैंडस्लाइड की घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में परिवार के साथ खासकर जब आपके साथ बच्चे और बुजुर्ग हों तो इस तरह की जगहों के चुनाव में सावधानी बरतें।
ऋषिकेश का इतिहास
दुनिया की योग राजधानी के रूप में मशहूर इस जगह का इतिहास भी काफी समृद्ध है। पौराणिक मान्यता है कि इस स्थान पर एक संत ने भगवान की तपस्या की थी। उन्हीं की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने "ऋषिकेश" के रूप में प्रकट हुए। तभी से इस स्थान को ऋषिकेश के नाम से जाना जाता है। आजादी के बाद ऋषिकेश को भारत का एक पवित्र हिंदू नगर घोषित कर दिया गया।
ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष ऋषिकेश में ही पीया था। पहाड़ी पर नीलकंठ महादेव का मंदिर है जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं।
कैसे पहुंचें ऋषिकेश ?
देवभूमि उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार से करीब 50 किलोमीटर है ऋषिकेश और वहां पहुंचने के लिए आप ट्रेन, बस, टैक्सी, फ्लाइट या निजी वाहन ले सकते हैं। देश की राजधानी दिल्ली से आप कई तरीकों से ऋषिकेश जा सकते हैं। अगर आप फ्लाइट से जाते हैं तो देहरादून में एयरपोर्ट है जहां से थोड़ी दूरी तक टैक्सी लेकर आप ऋषिकेश पहुंच सकते हैं। सड़क मार्ग और ट्रेन से जाना तो काफी सुलभ है। उसके लिए हरिद्वार में भी रेलवे स्टेशन है जहां से देश के कई हिस्सों से ट्रेनें आती हैं।
ऋषिकेश में रुकने की जगह
जैसा कि पहले भी जिक्र किया है ऋषिकेश एक धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल है ऐसे में आप को यहां पर ठहरने के लिए कड़ी विकल्प मिल जाते हैं। आश्रम, धर्मशालाएं, होटल, रिजॉर्ट, कैंप जैसे कितने ही विकल्प आपके सामने होते हैं जब आप इस धरती पर कदम रखते हैं। फैमिली, फ्रैंड्स, सहयोगी जिस भी ग्रुप के साथ आप जा रहे हैं उसी के अनुसार अपने रहने की जगह का चुनाव करें।
आध्यात्मिक शांति चाहते हैं तो गंगा किनारे बने आश्रम आपके लिए बेहतर स्थान हो सकते हैं। आश्रमों की बात करें तो परमार्थ निकेतन, मधुबन आश्रम, गीताभवन समेत कई बड़े और छोटे आश्रम हैं जो आपके रहने और खाने के साथ ही पूजा, ध्यान के लिए सटीक जगह हो सकती है।
यातायात के साधन
भारत के हर शहर की तरह यहां भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध है मगर सबसे आसानी से अगर कहीं जाना हो तो आपको रिक्शा मिल जाएंगे। ऋषिकेश उतना बड़ा नगर नहीं है ऐसे में यहां एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए आपको ज्यादा परेशानी तो नहीं होगी मगर पहाड़ी इलाका होने के वजह से थोड़ी सावधानी जरूर रखनी होगी। यहां पर ऑटो रिक्शा, बैटरी रिक्शा आसानी से मिल जाते हैं लेकिन ये सिर्फ शहर के अंदर ही चलते हैं। अगर आपको पहाड़ों पर जाना है तो कार किराए पर ले सकते हैं जो ड्राइवर के साथ भी उपलब्ध होती है। इसी तरह से अगर अकेले घूमना हो तो आप बाइक या स्कूटर भी रेंट पर ले सकते हैं। ग्रुप में लोग हो तो मिनी बस भी वहां पर तलाशने पर मिल जाती है।