- ज्यादातर पति अपनी पत्नी को अनदेखा कर परिवार वालों पर ध्यान देते हैं जिससे तकरार पैदा होता है।
- पत्नियों को अपने पति से इस विषय पर शांति से बात करनी चाहिए तथा उन्हें प्यार से समझाना चाहिए।
- पति-पत्नी के लिए यह जरूरी है कि वह अपना समय एक साथ अवश्य बिताएं और बाकी सदस्यों को भी समय दें।
नई दिल्ली: पति-पत्नी के संबंधों का आधार आपसी विश्वास और एक दूसरे के प्रति समझ होती है। विश्वास कम होने और एक दूसरे के प्रति समझ में कम आने की स्थिति में परिवार का वातावरण कलह में बदल जाता है और रिश्ते तनावपूर्ण हो जाते है।
पति-पत्नी के रिश्ते में कभी कभार तनाव और संबंधों का कड़वाहट से भरा होना एक आम बात होती है। यह नामुमकिन सी बात है कि किसी भी पति-पत्नी के रिश्ते में दोनों के बीच कभी झगड़ा ना हुआ हो। खासकर तब जब पति पत्नी से ज्यादा अपने परिवार वालों पर ध्यान दे रहा हो। कई भारतीय परिवारों में बेटों से यह उम्मीद लगाई जाती है कि बहू आने पर उनका बेटा पत्नी से ज्यादा अपने परिवार पर ही ध्यान दे।
इसी परिस्थिति में पत्नियों को तकलीफ होने लगती है और अपने पति का ध्यान आकर्षित करने की कश्मकश में वो परेशान हो जाती हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो हम इस लेख के जरिए आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिनको अपनाकर आप फिजूल के झगड़ों से बच जाएंगी और अपने पति का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर सकेंगी।
पति-पत्नी अपने कपल टाइम पर दें ध्यान
घर आते ही सीधा आपका पति अपने माता-पिता से बात करता है और खाना खाने के बाद सोने चला जाता है तो यह आपके लिए एक चिंता का विषय है। बिना घबराए या झगड़ा किए अपने पति से आप उनसे आराम से बातें करें और प्यार से समझाएं कि उन्हें अपने परिवार को और आपको एक समान समय देना चाहिए। एक स्वस्थ वैवाहिक जीवन के लिए कपल टाइम पर ध्यान देना जरूरी होता है।
अपने बजट को कंट्रोल में रखें
क्या आपके पति अपने सैलरी का एक बड़ा हिस्सा अपने परिवार वालों को दे देते हैं और आपके और आपके बच्चों की हालत को नजरअंदाज कर देते हैंं? अगर आपके घर में भी यह समस्या है तो आपको अपनी आवाज उठानी चाहिए और आराम से अपने पति से इस विषय पर बात करनी चाहिए। आपको उन्हें यह समझाना चाहिए कि फिजूल के खर्चे ना करें और बजट को नियंत्रित रखने में मदद करें। खर्च उतना ही करें जो जरूरी है और परिवार के साथ बच्चों पर भी ध्यान दें।
बार-बार रिश्तेदारों के यहां जाने से बचें
अक्सर घरों में यह देखा जाता है कि रिश्तेदार बेवक्त कभी भी आ जाते हैं। रिश्तेदारों का आना या उनके यहां जाना हफ्ते में एक या दो बार चलता है मगर जब यह रोज की बात हो जाए तो आपके लिए परेशानी का सबब हो सकता है। हो सकता है आपके पति इस बात पर तवज्जो ना दें मगर वह इस बात से भी बेखबर रह सकते हैं कि आपको इस चीज से तकलीफ हो रही है। ऐसे में आप अपने पति से यह कह सकती हैं कि वह इन विजिट्स को वीकेंड पर रखें या फिर आप अपना कोई प्लान बना सकती हैं। आपको अपने पति को यह समझाना होगा कि इस वजह से घर में क्या क्या दिक्कतें हो रही है।
बेवजह के झगड़ों में ना पड़ें
कहा जाता है कि भारतीय सास अपने बेटों को लेकर बहुत अधि साकारात्मक रहती हैं और कभी-कभी यह स्थिति बहु और सास के बीच तकरार का विषय बन जाती है। ऐसी स्थिति में पति अक्सर अपनी मां का पक्ष लेते हैं। यह दशा विवाहित जीवन में झगड़े और क्लेश उत्पन्न कर सकती है। इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए अपना पक्ष मजबूत रखकर अपने पति से नम्र होकर बात करें और उनसे एक समान व्यवहार करने की बात करें। अगर आपके पति आपके बोलने पर भी अपनी मां का पक्ष लेते हैं तो उनसे बता दें कि आगे चलकर उनका व्यवहार मुश्किलें खड़ी कर सकता है। आपको अपनी नम्रता और एक उचित तर्क के साथ ही रखनी है।
अपने ऊपर और अपने परिवार के ऊपर ध्यान देने लगें
अगर परिस्थिति ज्यादा गंभीर हो रही हो और आपके पति अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिता रहे हों तो आप भी ठीक वैसा ही करें जैसा आपके पति कर रहे हैं। अपने परिवार वालों के साथ और अपने चचेरे भाई बहनों के साथ ज्यादा समय बिताएं। ऐसा करने पर आपके पति को अपनी गलती का एहसास होगा और आप दोनों एक स्वस्थ वैवाहिक जीवन की तरफ अग्रसर होंगे।