लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व की अखिलेश यादव की सरकार में बिजली खरीद के नाम पर बड़ा घोटाला होने का आरोप लहाया है। सीएम योगी ने एक साक्षात्कार में कहा कि फर्जी पॉवर परचेस अग्रीमेंट (पीपीए) के तहत अखिलेश सरकार ने चीनी मिलों के साथ मिलकर 15-16 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदी और प्रदेश सरकार पर 5000-6000 करोड़ का अतिरिक्त भार डाला। भाजपा सरकार ने 2017 के बाद वही बिजली 5-6 रुपए प्रति यूनिट पर खरीदी जो सपा सरकार में तीन गुना दाम पर खरीदी गई थी।
सिर्फ दो-तीन जिलों को बिजली दी गई-सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतना बड़ा घोटाला तो सपा ने किया लेकिन बिजली उपलब्धता के नाम पर सिर्फ दो तीन जिलों को बिजली दी गयी। जिसने प्रदेश को बिजली नही दी, वह अब मुफ्त बिजली देने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1947 से अब तक प्रदेश में जितनी बिजली का कुल उत्पादन हुआ, उसका एक तिहाई तो अप्रैल, 2017 से 2021 के बीच हुआ।
नई पेंशन योजना पर सपा अध्यक्ष पर साधा निशाना
नई पेंशन योजना पर अखिलेश यादव की घोषणा पर तंज़ करते ही सीएम योगी ने कहा कि यह योजना मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में 2004 में लागू हुई थी। 2007 से 2012 तक मायावती के समय से वापस नही लिया गया और 2012 से 2017 के बीच अखिलेश ने भी सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि अखिलेश नई योजना की बात कर रहे हैं जबकि उन्होंने कर्मचारियों के साथ ज्यादती करते हुए राज्य सरकार का दस हज़ार करोड़ का अंशदान नही किया। यही नहीं पेंशन के नाम पर अखिलेश ने वृद्ध, दिव्यांग, विधवा की पेंशन और अनुसूचित जाति के छात्रों की स्कोलरशिप बंद करने का कुकृत्य किया। उन्होंने कहा कि 2017 में भाजपा सरकार ने फिर से पेंशन बहाल की और वृद्ध, दिव्यांग, विधवा को एक हज़ार रुपए प्रति माह पेंशन सुनिश्चित की।