- लखनऊ के गणेशगंज में है चमत्कारिक देवी मंदिर
- 24 घंटे खुले रहते है मंदिर का कपाट
- सुबह पांच बजे से दोपहर दो बजे तक चढ़ाया जाता है जल
Lucknow News: राजधानी लखनऊ के गणेशगंज में में ढाई सौ साल से भुईयन देवी का मंदिर है। मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसके कपाट कभी बंद नहीं हुआ करते। जब-जब मंदिर के कपाट बंद करने का या पर्दा लगाने का प्रयास किया गया तब-तब या तो कपाट टूटकर गिर जाता है या पर्दे में आग लग जाती है। इसके बाद से यहां दिन-रात 24 घंटे माता रानी का मंदिर खुला ही रहा करता है। इसके अलावा दूसरी सबसे खास बात ये है कि, यहां माता का जलाभिषेक भी होता है। बता दें कि हर रोज सुबह पांच बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक माता को जल चढ़ाया जाता है। उसके बाद माता का श्रृंगार और आरती पूजन होता है।
बता दें कि भुईयन माता के मंदिर जाने का रास्ता बहुत सरल है। मंदिर लखनऊ के गणेशगंज में स्थित है। अगर हजरतगंज की तरफ से आएंगे तो चौराहे से दाहिने हाथ पर गणेशगंज पड़ता है। बता दें कि, इसी रास्ते पर भुईयन माता का मंदिर स्थापित है।
पांचवी पीढ़ी कर रही मंदिर में सेवा
मिली जानकारी के अनुसार, इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि, भुईयन देवी माता के दाहिनी ओर संकटा माता की भी प्रतिमा मौजूद है। जैसे राजस्थान के कैला देवी में मां चामुंडा देवी रहती हैं। श्रद्धालु भुईयन माता और संकटा माता दोनों की ही पूजा अर्चना करते हैं। भुईयन माता के बारे में कहा गया है कि, उनकी मूर्ति कहां से आई इस बारे में अभी तक कोई नहीं जानता। माता की सेवा करने वाले परिवार के अनुसार उनकी पांचवी पीढ़ी माता की सेवा में लगी है। उन्हीं के पूर्वज को एक बार घने जंगल में माता की मूर्ति दिखाई दी, जिसके बाद से उन्होंने माता को सजाना और उनकी पूजा अर्चना करनी शुरू कर दी। तब से यह परिवार माता की सेवा करता आ रहा है।
माता को छोले का भी लगता है भोग
बता दें कि भुईयन माता का मंदिर चमत्कारी मंदिर माना गया है जहां लोगों के मन की मुरादें पूरी हो जाती हैं। भक्त यहां मन्नत के तौर पर एक घंटी बांधकर जाया करते हैं और फिर मन्नत पूरी होने पर घंटी को खोल लेते हैं। नवरात्रि के दौरान माता के मंदिर में बहुत बड़ा मेला लगता है। मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा होते हैं। माता को भोग के तौर पर बर्फी भी चढ़ाई जाती है। इसके अलावा भक्त माता को हलवा, पूरी और छोले का भी भोग अर्पित करने आते हैं।