- 23 दिन में यूपी में कोरोना के 2,34,000 मामले हुए कम
- टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट से काबू हो रहा कोरोना
- सीएम योगी ने 25 दिनों में 17 मंडलों का दौरा किया
लखनऊ : वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ग्राउंड जीरो पर उतरने का असर दिखने लगा है। सीएम योगी 30 अप्रैल से ही जिलों और मंडलों के दौरे कर रहे हैं। अब तक उन्होंने प्रदेश के 18 मंडलों में से 17 मंडलों का दौरा कर लिया है। इस दौरान वह लोगों से गांवों में उनके घर जाकर मिल रहे हैं। अस्पतालों में भर्ती संक्रमितों से भी उपचार और स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सीएम योगी के धरातल पर किए जा रहे प्रयासों की वजह से प्रदेश में महज 23 दिनों में संक्रमण के 2,34,000 मामले कम हुए हैं।
बता दें कि UP में गत 24 घंटों में संक्रमण के 3957 नए केस आए जबकि 24 अप्रैल को यह संख्या सर्वाधिक 38055 थी। ठीक होने वाले 10444 रहे और बीते दिन कुल टेस्ट 298808 हुए। राज्य में अब तक कुल पौने पांच करोड़ (47362430) टेस्ट हो चुके हैं। इस मामले में यूपी देश में नंबर 1 है। वर्तमान में सक्रिय केस 76,703 हैं और रिकवरी रेट 94.7 % आ गया है।
कोरोना की दूसरी लहर को परास्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस दृढ़ इच्छा शक्ति, संकल्प और दूरदर्शी रणनीति का परिचय दिया है, वह दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए भी नजीर है। इस महामारी से निपटने के लिए जिस वक्त विपक्ष के नेताओं को एक होकर लोगों की मदद करने की जरूरत थी, वह राजनीति कर रहे थे, उस समय सीएम योगी कोरोना को हराने के लिए रणनीति बना रहे थे। कोरोना संक्रमित होने के बाद भी वह दिल्ली में अचानक लॉक डाउन लगाने के कारण रातभर जागकर बार्डर पर बसों की व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे, ताकि प्रवासियों को अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंचाया जा सके। अप्रैल में कोरोना का संक्रमण बढ़ने से पहले ही मुख्यमंत्री योगी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और सभी दलों से चर्चा की। इस दौरान विपक्ष के कई नेताओं ने सीएम योगी की सराहना भी की। सीएम योगी ने लोगों को महामारी से जागरूक करने के लिए मंत्री मंडल के सहयोगियों, जनप्रतिनिधियों, नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों, चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों, धर्म गुरुओं, व्यापारियों, खिलाड़ियों और किसानों आदि से संवाद किया।
होम आइसोलेशन में करते रहे बैठकें और देते रहे निर्देश
सीएम योगी कोरोना के खिलाफ जंग में फ्रंट फुट पर हैं। वह 14 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे। इस दौरान उन्होंने होम आइसोलेशन में रहते हुए रोजाना न सिर्फ अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की, बल्कि समाज के विभिन्न तबकों के साथ वर्चुअली संवाद कार्यक्रम भी जारी रखा। 30 अप्रैल को रिपोर्ट निगेटिव आने के तुरंत बाद वह ग्राउंड जीरो पर उतर गए और लखनऊ में उन्होंने डीआरडीओ की ओर से बनाए गए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया था।
सीएम योगी के प्रयासों से इंफेक्शन चेन हुआ ब्रेक, टेस्ट बढ़ते गए, केस घटते गए
सीएम योगी ने ग्राउंड जीरो पर मंडलों, जिलों और गांवों में दौरे किए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ मंडल स्तर की समीक्षा बैठकें की, गांव के लोगों से उनके घर, अस्पताल जाकर संवाद किया, एक लाख गांवों में निगरानी समितियों को सक्रिय करके संक्रमितों की पहचान और 24 घंटे में टेस्ट कराकर मेडिसिन किट पहुंचाने की व्यवस्था की। जरूरत के अनुसार लोगों को आइसोलेट और अस्पताल में भर्ती कराया और इन्फेक्शन की चेन को ब्रेक किया। उसी का नतीजा आज उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते टेस्ट और घटते केस के रूप में दिख रहा है।
विशेषज्ञों की आशंका साबित हुई निर्मूल
22 अप्रैल को नीति आयोग के सदस्य वीके पाल ने आशंका जाहिर की थी कि उत्तर प्रदेश में 10 मई से रोज एक लाख से अधिक केस आएंगे, अन्य विशेषज्ञों ने भी आशंका जाहिर की थी कि यूपी दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 हॉटस्पॉट बनेगा, लेकिन सीएम योगी ने उनकी आशंकाओं को निर्मूल साबित कर दिया।