Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की कमान दूसरी बार संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूरा जोर शासन व्यवस्था को पहले से ज्यादा बेहतर एवं प्रभावी बनाने पर है। इसके लिए वह विभागों के अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। अधिकारियों के साथ बैठक कर वह उन्हें दिशानिर्देश देने के साथ-साथ 100 दिनों के कामकाज का खाका भी खींच रहे हैं। गृह, कारागार, होमगार्ड, सचिवालय प्रशासन और नियुक्ति एवं कार्मिक विभागों ने मंत्रिमंडल के समक्ष अपनी कार्ययोजना पेश की है जिस पर मुख्यमंत्री ने दिशा-निर्देश दिए। ये दिशानिर्देश इस प्रकार हैं-
- विगत 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश ने सुदृढ़ कानून-व्यवस्था का एक मॉडल प्रस्तुत किया है। प्रदेश से संगठित अपराध समाप्त हो चुका है। अवैध रूप से अर्जित ₹2081 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। आगे भी माफिया, अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहे। 25 करोड़ प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए हमारी पुलिस 24×7 मुस्तैद रहे।
- पिछली सरकारों ने शरारतपूर्ण ढंग से पीएसी की 54 कंपनियों को समाप्त कर दिया था। हमने उनको पुनर्जीवित किया। नई बटालियन भी शुरू कीं।
- सभी कैबिनेट मंत्री अब फील्ड में जाएंगे। कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में 18 मंडलों के लिए 18 टीमें गठित कर 18 सप्ताह के लिए कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। यह टीमें हर मंडल में 72 घंटे का प्रवास करेंगी। अलग-अलग जनपदों का भ्रमण करेंगी। लोगों से मिलेंगी। व्यवस्था की पड़ताल करेंगी, संभावनाओं की परख करेंगी तत्पश्चात 75 जिलों के नोडल अधिकारी इन टीमों की रिपोर्ट लेकर 15 दिन के अंदर क्रियान्वयन की योजना प्रस्तुत करेंगे।
- नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने गत वर्षों में पूरी पारदर्शिता से बिना भेदभाव के दक्ष युवाओं को सेवायोजित किया है। सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार का कोई भी स्थान नहीं है। भर्ती के साथ-साथ प्रशिक्षण पर आधुनिकीकरण पर भी जोर दिया जाना चाहिए।
- कारागार को सुधार गृह के रूप में विकसित किया जाए। कई बार निर्दोष व्यक्ति को भी जेल जाना पड़ जाता है। बंदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जिले की प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्थाओं, प्राकृतिक खेती एमएसएमई इकाइयों, कौशल विकास मिशन से भी जोड़ा जाना चाहिए।
- सचिवालय को दलालों से मुक्त रखा जाए। नौकरी दिलाने, काम दिलाने वाले ठगों को सचिवालय परिसर से दूर रखें। फील्ड के अधिकारियों को अनावश्यक सचिवालय न बुलाया जाए। इसमें समय और धन का अपव्यय होता है। कोई भी फाइल किसी पटल पर तीन दिन से अधिक लम्बित न रखी जाए।
- रामपुर में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर के लिए भूमि का चयन कर अग्रेतर कार्यवाही पूरी कराएं। पुरुष टीम की भांति महिला कमांडो की एक दक्ष टीम बनाई जाए।
- आगामी 100 दिनों ने अयोध्या जनपद में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की इकाई गठित की जाए।
- यूपी 112 के रिस्पॉन्स टाइम को और कम करते हुए 10 मिनट तक लाने के प्रयास किये जाएं। पुलिस, अभियोजन और संगठन के लिए चरणबद्ध रूप से सिंगल विंडो व्यवस्था लागू की जाए।
- कानून-व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के क्रम में जनपद जालौन, मिर्जापुर और बलरामपुर में एक-एक नई महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जाना चाहिए। इस बाबत प्रस्ताव तैयार करें।
- कानून-व्यवस्था बनाए रखने में फुट पेट्रोलिंग का बड़ा महत्व है। यह कार्य हर दिन होता रहे। इस बाबत एक पोर्टल विकसित करें, जहां फुट पेट्रोलिंग का सम्पूर्ण विवरण दर्ज हो।
- डाटा एनालिटिक्स के लिए आएआईटी कानपुर की मदद से टूल विकसित किया जाना चाहिए। सीसीटीवी में वीडियो एनालिटिक्स और मैनेजमेंट तकनीक को भी शामिल करें। इससे इसकी प्रभावशीलता बढ़ेगी।
- देवबंद, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर, बहराइच सहित कई जनपदों में एटीएस की नई फील्ड यूनिट गठित की जा रही है। नई इकाइयों के लिए आवश्यक मानव संसाधन, भवन आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।
- अपराध अन्वेषण में प्रोफेशनल स्किल बढ़ाने के लिए एटीएस टीम का भारत के विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण के अलावा एफबीआई, होम लैंड सिक्योरिटी जैसी जांच/खुफिया एजेंसियों के साथ विदेशी प्रशिक्षण भी कराया जाए।
- एंटी ड्रोन अटैक सिस्टम और ड्रोन फॉरेंसिक के क्षेत्र में तकनीकी विकास की जरूरत है। यूपी एटीएस पुलिस स्टेशन की स्थापना की जाए।
- स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम (स्पॉट) की नई टीम के लिए आगामी 100 दिन में ऊर्जावान, दक्ष और समर्पित कार्मिकों का चयन किया जाए। केंद्रीय पुलिस बल/भारतीय सेना के सहयोग से इनका प्रशिक्षण कराया जाना चाहिए। इन्हें स्नाइपर ट्रेनिंग भी दिलाई जाए, साथ ही आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए विशेष एडवेंचर कोर्स भी कराया जाना चाहिए।
- जांच/अन्वेषण की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के क्रम में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में यूपी स्पेशल पुलिस स्टेबिलिशमेंट एक्ट तैयार कराया जाए। 100 दिनों के भीतर इस दिशा में कार्यवाही आगे बढ़ाएं।
- सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी एवं 3000 पिंक बूथ की स्थापना के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप नियुक्त किया जाए। धार्मिक स्थलों के पास भी पिंक बूथ बनाए जाएं।
- बीट पुलिस सेवा से जुड़कर महिला कर्मियों ने अच्छा कार्य किया है। प्रत्येक महिला बीट सिपाही को स्कूटी उपलब्ध कराया जाना चाहिये।