- लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में 4 किसानों सहित आठ लोगों की हुई मौत
- पीड़ित किसान परिवारों से मिलने के लिए लखीमपुर जा रही थीं प्रियंका गांधी
- सीतापुर में पीएसी की गेस्ट हाउस में कांग्रेस महासचिव को हिरासत में रखा गया है
लखनऊ : कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी अभी सीतापुर में पीएसी के गेस्टहाउस में हिरासत में हैं, अभी उनकी रिहाई नहीं हो पाई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गेस्टहाउस के बाहर रात बिताई है और वे अपनी नेता को रिहा करने के लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार प्रियंका को आज रिहा करती है कि नहीं यह देखने वाली बात होगी। दरअसल, लखीमपुर खीरी की हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने के लिए जब प्रियंका वहां जा रही थीं तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोककर हिरासत में लिया। इसके बाद उन्हें सीतापुर पीएसी गेस्टहाउस ले जाया गया। सोमवार को इस गेस्टहाउस से प्रियंका की एक तस्वीर सामने आई जिसमें वह झाड़ू लगाते हुए दिखीं।
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की जान गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों को 45 लाख रुपए का मुआवजा, प्रत्येक परिवार को सरकारी नौकरी और दोषियों के खिलाफ तय समय में कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। प्रियंका को हिरासत में लिए जाने पर कांग्रेस नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। उन्हें अवैध हिरासत से तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। यही नहीं उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में रखने वाले लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज होना चाहिए।'
यूपी सरकार डर गई है-सचिन पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोमवार को कहा कि किसान आंदोलन के बारे में हरियाणा के मुख्यमंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रियंका गांधी लखीमपुर खिरी जाकर पीड़ित परिवारों से मिलना चाहती थीं लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया। यूपी सरकार डरी हुई है। कांग्रेस इस घटना की न्यायिक जांच की मांग करती है। बता दें कि यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव में एक कार्यक्रम के सिलसिले में जाने लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई।
वकीलों को प्रियंका से मिलने नहीं दिया गया-कांग्रेस
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी एक बयान में दावा किया गया कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के वकीलों को करीब 17 घंटे बाद भी उनसे मिलने नहीं दिया गया, यही नहीं प्रशासन ने उन्हें हिरासत में लेने की कोई कानूनी वजह भी अब तक नहीं बतायी है। सीतापुर के पीएसी द्वितीय वाहिनी परिसर में हिरासत में रखी गईं प्रियंका गांधी को हरगांव में सोमवार सुबह साढ़े चार बजे हिरासत में लिया गया था। कानूनी रूप से किसी को 24 घंटे से ज़्यादा हिरासत में नहीं रखा जा सकता, लेकिन प्रशासन आगे की योजना को लेकर कुछ नहीं बता रहा है।