- लखनऊ में चचेरा भाई ने किया चार साल के मासूम का अपहरण
- कर्जा चुकाने के लिए किया था अगवा, फिर पकड़े जाने के डर से गंगा में फेंका
- चार सितंबर को आइसक्रीम खिलाने का बहाने किया था अगवा
Lucknow Kidnapping and Murder: यूपी की राजधानी लखनऊ में रिश्तों के कत्ल का मामला सामने आया है। चिनहट से लापता चार साल के मासूम बच्चे का अपहरण उसके चचेरे भाई ने फिरौती के लिए अपहरण किया था। हालांकि बाद में पकड़े जाने के डर से बच्चे को कानपुर के जाजमऊ इलाके में पुल से गंगा नदी में हत्या कर शव फेंक दिया था। अभी तक बच्चे की तलाश की जा रही है, लेकिन वह मिला नहीं है। पुलिस ने आरोपी अमित पांडेय (24) को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ में कबूला किया है कि उसने सट्टे में हुए कर्जे को चुकाने के लिए साजिश रची थी। वहीं, इकलौते बेटे की हत्या से पिता धीरेंद्र पांडेय और मां रश्मि का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है।
डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह ने बताया कि मूलरूप से कौशांबी के चरबा के रहने वाले धीरेंद्र पांडेय खाद्य विभाग में मार्केटिंग इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। वह परिवार के साथ चिनहट के सनातन नगर में रहते हैं। आरोपी अमित पांडेय उनके बड़े भाई वीरेंद्र का पुत्र है।
आइसक्रीम खिलाने के बहाने मासूम को ले गया था साथ
आरोपी अमित ने चार सितंबर की शाम को आइसक्रीम खिलाने के बहाने राम पांडेय (4) का अपहरण किया था, हालांकि परिवार ने थाने में दोनों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। छह सितंबर को अमित नाटकीय ढंग से लौट आया। शक होने पर पुलिस ने अमित से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान अमित लगातार बयान बदलता रहा। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी ने राज उगल दिया। आरोपी ने कबूला कि वह चिनहट से टीपीनगर तक ऑटो से गया था। अंधेरा होने पर बस से कानपुर के जाजमऊ पहुंचा। यहां चचेरे भाई राम को पहले दो बार गंगा नदी में फेंकने का प्रयास किया, लेकिन हिम्मत ने जुटा पाया।
अमित के कपड़े फटे मिले, शरीर पर खरोंच के निशान
इसके बाद तीसरे प्रयास में उसने गला घोंटा और नदी में फेंक दिया। घटना के दौरान राम ने विरोध किया था। अमित के कपड़े फटे मिले हैं, शरीर पर खरोंच के निशान भी हैं। हालांकि पूछताछ में आरोपी अमित लगातार पुलिस को गुमराह करता रहा। उसने पहले बताया कि दो दोस्त उसे और राम को अगवा कर हरिद्वार ले गए थे। फिर बयान दिया कि बच्चे को हरिद्वार के हर की पौड़ी पर फेंका। पुलिस आरोपी को हरिद्वार लेकर पहुंची। उस होटल की छानबीन भी की, जहां आरोपी रुका था, लेकिन यहां बच्चे के साथ होने की पुष्टि नहीं हुई।
चाचा के घर में देख थे काफी रुपये
आरोपी अमित ने पुलिस को बताया कि सट्टे में तीन लाख का कर्जा हो गया था। वह चाचा के परिवार की संपन्नता से जलने लग गया था। उसने बताया कि चाचा के घर में काफी रकम भी देखी थी। इसके बाद ही उसने राम को अगवा करने की साजिश रची थी। हालांकि बाद में डर गया था कि घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरों में वह कैद हो गया होगा। इसलिए बच्चा जिंदा रह गया तो पकड़ में आ जाएगा। इसी डर से उसने फिरौती भी नहीं मांगी और चचेरे भाई की हत्या कर दी।