लाइव टीवी

Electricity Connection: बिजली विभाग का अजब कारनामा, 1.32 करोड़ शुल्क जमा करने पर भी नहीं मिला कनेक्शन

Electricity Connection
Updated Aug 05, 2022 | 18:31 IST

Electricity Connection: कुशीनगर की फर्म को शुगर मिल लगाने के लिए एक करोड़ 32 लाख रुपये जमा करने के बाद भी बिजली का कनेक्शन नहीं मिला है। 11 महीने के बाद फर्म के मैनेजर ने मामले में मुख्य अभियंता से शिकायत की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ।

Loading ...
Electricity ConnectionElectricity Connection
तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
1.32 करोड़ का शुल्क जमा किया, फिर भी नहीं मिला बिजली कनेक्शन
मुख्य बातें
  • एक करोड़ 32 लाख जमा करने पर भी नहीं मिला कनेक्शन
  • बिजली विभाग का अनोखा कारनामा
  • शुगर मिल के लिए फर्म को चाहिए था पांच सौ किलोवाट का कनेक्शन

Electricity Connection: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग का अनोखा कारनामा सामने आया है। इस कारनामे के बारे में जानकर हर कोई हैरान है। दरअसल, कुशीनगर की फर्म को शुगर मिल लगाने के लिए बिजली कनेक्शन चाहिए था। फर्म ने एक करोड़ 32 लाख रुपये जमा कर दिए, लेकिन इसके बाद भी बिजली कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है। काफी चक्कर काटने के बाद थक चुके फर्म के मैनेजर ने 11 महीने के बाद मुख्य अभियंता अशोक कुमार सिंह से शिकायत की। मुख्य अभियंता ने बिजली कनेक्शन नहीं मिलने के मामले में जांच की तो अधीक्षण अभियंता कुशीनगर और अधिशासी अभियंता हाटा की लापरवाही सामने आई। मुख्य अभियंता ने इस मामले में लापरवाह दोनों अभियंताओं को आरोप पत्र जारी किए, इसके साथ ही पूरे मामले से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को अवगत कराया है। 

फर्म को चाहिए था पांच सौ किलोवाट का कनेक्शन

दरअसल, त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज के अतिरिक्त महाप्रबंधक प्रकाश झा ने मुख्य अभियंता को जानकारी दी कि शुगर मिल की स्थापना के लिए फर्म को पांच सौ किलोवाट का कनेक्शन चाहिए था। बिजली निगम के कुशीनगर के अभियंताओं के निर्देश पर पिछले साल अक्टूबर माह में रकम जमा करा दी थी। इस रकम से 53 पोल की लाइन बननी थी, लेकिन अब तक सिर्फ 38 पोल ही लगाए गए हैं। फिलहाल काम पूरी तरह बंद है। शिकायत के बाद मुख्य अभियंता ने अधिशासी अभियंता से कारण जाना तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।

तीन माह बाद निकाली गई काम की निविदा 

आपको बता दें कि साल 2021 के अक्टूबर महीने में रुपये जमा होने के बाद काम की निविदा तीन माह बाद निकाली गई। जबकि नियम यह कहता है कि रुपये जमा होने के तत्काल बाद टेंडर निकालकर प्रक्रिया पूरी कर कनेक्शन से जुड़ा काम पूरा कराया जाना चाहिए था। टेंडर प्रक्रिया में भी गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। आरोप है कि फर्म ने जब पूरी रकम जमा कर दी तो निविदा में आधा काम फर्म और आधा निगम का काम क्यों दिखाया गया है।

Lucknow News in Hindi (लखनऊ समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।