लखनऊ : बुंदेलखंड और विंध्यं समेत प्रदेश के हजारों गांवों में पीने के साफ पानी का इंतजार खत्म होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए साल यानी जनवरी 2022 में 13 हजार गांवों के 18 लाख परिवारों को 'घर-घर पेयजल' का तोहफा दे सकते हैं। इसके लिए बुंदेलखंड, विंध्य के सैकड़ों गांवों में पानी सप्लाई ट्रॉयल रन का पहला चरण पूरा हो चुका है। इसके अलावा 45 लाख परिवारों के लिए 8 हजार नई पेयजल योजनाओं का शिलान्यास भी उनकी ओर से किए जाने की संभावना है।
राज्य सरकार ने इसका प्रस्ताव भेजा है। प्रधानमंत्री आठ हजार नई पेयजल योजनाओं का शिलान्यास भी कर सकते हैं। बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत युद्ध स्तर जलापूर्ति का ट्रायल रन किया जा रहा है। नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की तैयारी पहले चरण में 18 लाख से अधिक परिवारों को वाटर सप्लााई से जोड़ने की है। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
जल जीवन मिशन के तहत सरकार हर घर नल योजना के जरिये फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन का तोहफा देगी। जलापूर्ति शुरू होने के साथ बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में पेयजल के लिए रोजाना होने वाले संघर्ष और अनेक बीमारियों से भी निजात मिलने की राह आसान होगी।
बुंदेलखंड के 07 जिलों के साथ सोनभद्र और मिजार्पुर के गांवों में भी वाटर सप्लोई का ट्रायल रन तेजी से चल रहा है। हर रोज दर्जनों गांवों को पानी सप्लाई से जोड़ा जा रहा है। घर-घर पानी पहुंचने से मिलने वाली राहत का एहसास ग्रामीणों के चेहरों पर साफ दिख रहा है। 18 लाख से अधिक परिवारों को वॉटर सप्लाई से जोड़ कर राज्य सरकार करीब 72 लाख से अधिक ग्रामीणों को पहले चरण में पीने का साफ पानी पहुंचाने की तैयारी कर रही है।
बरसों से पीने के साफ पानी का इंतजार कर रहे बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के गांवों में ट्रायल रन के दौरान नलों में पानी पहुंचा तो लोग झूम उठे। पानी के साथ बच्चे अटखेलियां कर देखे जा रहे हैं। महिलाओं ने गीत गा कर एक दूसरे को मिठाई खिलाई। बांदा, ललितपुर और मिजार्पुर जैसे जिलों में पानी पहुंचने से खुश ग्रामीणों ने गले लग कर एक दूसरे को बधाई दी। सरकार को धन्यवाद दिया।
ललितपुर में बहादुरपुर एवं पिपरट गांव में ट्रायल रन के दौरान जब पहली बार पाइप लाइनों से पानी की धार पहुंची तो पूरा गांव खुशी से झूम उठा। 9वीं कक्षा की स्वाति, चौथी कक्षा में पढ़ने वाली अंजलि और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली माही टोंटी से गिर रही पानी की धार में खेलने लगे।
एकोनाबाई, सियारानी, जया बाई, कस्तूरी, सुशीला आदि महिलाएं भी बाल्टी, लोटा, जग लेकर पानी लेने नल पर पहुंच गईं। टीकाराम, सूरजभान और बृजकिशोर जैसे बुजुर्गों की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे। बोले हमारी भगवान ने सुन ली।