- यूपी में सैमसंग की एक यूनिट पहले से काम कर रही है।
- यूपी में सैमसंग कंपनी लगा सकती है डिस्प्ले यूनिट
- यूपी सरकार की तरफ से मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट के साथ साथ विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने पर दिया जा रहा है बल
लखनऊ। सैमसंग का मोबाइल हर किसी के हाथ में दिखाई देता है। यूं कहें तो भारत में मोबाइल की दुनिया में इस कंपनी का एकक्षत्र राज है। सैमसंग ने अपने काम को और विस्तार देने के लिए 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एमओयू पर साइन किया था। बताया जा रहा है कि कोरोना के बाद उपजे हालात में सैमसंग कंपनी अपने मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को चीन के बाहर ले जा सकती है।
यूपी की औद्योगिक नीति का असर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंवेस्ट इंडिया के जरिए अप्रैल के महीने में उत्तर प्रदेश सरकार को एक चिट्ठी भेजी गई थी। हालांकि इसके बारे में पुख्ता तौर पर यह बता पाना संभव नहीं है कि क्या उस खत पर किसी तरह की बातचीत हुई। खत के मुताबिक सैमसंग को उम्मीद है कि प्लांट से 1300 लोगों को रोजगार मिलेगा और इस संबंध में 2021 में उत्पादन शुरू हो सकता है। इंवेस्ट इंडिया के लेटर में इस बात का जिक्र है कि यूपी में हाइटेक इंडस्ट्री की स्थापना के लिए उनकी तरफ से कुछ सलाह दी गई है।
इंवेस्ट इंडिया का क्या है कहना
इंवेस्ट इंडिया का कहना है कि जिस तरह से यूपी में हाई टेक इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कदम उठाए है उससे सबसे ज्यादा फायदा सैमसंग को हो सकता है। इस संबंध में यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना का का कहना है कि हाईटेक इंडस्ट्री के लिए इंसेंटिव सुविधा पर विचार किया जा रहा है। लेकिन अभी फैसला नहीं लिया गया है। अगर सैमसंग मोबाइल कंपनी भारत में निवेश करती है तो निश्चित तौर पर यह मेक इन इंडिया अभियान के लिए कामयाबी होगी।
आपदा को अवसर में बदलने का मौका
मौजूदा समय में वियतनाम, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे देश इंसेंटिव पैकेज के तहत कैपिटल एक्स्पेंडिचर पर छूट की सुविधा दे रहे हैं। इंवेस्ट इंडिया के सीईओ कहते हैं कि इस तरह के हालात में अगर सरकार की तरफ से इंसेंटिव संबंधी रियायतें मिले तो बेहतर भविष्य की बुनियाद रखी जा सकती है। भारत सरकार के साथ साथ यूपी सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोरोना काल में निश्चित तौर पर तरह तरह की मुश्किलें आई हैं लेकिन हम इसे अवसर के तौर पर भी देखते हैं।