- यूपी के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता रामवीर उपाध्याय का निधन
- मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे रामवीर उपाध्याय
- यूपी के बड़े नेताओं में होती थी रामवीर उपाध्याय की गिनती
Ramveer Upadhyaya: यूपी के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता रामवीर उपाध्याय का देर रात आगरा में निधन हो गया। शुक्रवार रात तबीयत बिगड़ने पर उपाध्याय को रेनबो हॉस्पिटल ले जाएगा, लेकिन कुछ देर बाद ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन से हाथरस और आसपास के इलाकों में शोक की लहर है। रामवीर उपाध्याय साल 1993 में गाजियाबाद से वकालत छोड़कर हाथरस की राजनीति में आ गए। उन्होंने अपना पहला चुनाव निदर्लीय के तौर पर लड़ा, लेकिन वो चुनाव जीतने में कामयाब नहीं रहे।
यूपी के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता रामवीर उपाध्याय का निधन
मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे रामवीर उपाध्याय
इसके बाद वह साल 1996 में बीएसपी के टिकट पर हाथरस से विधायक बने। 64 साल के रामवीर उपाध्याय मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे। बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए। हाथरस की अलग-अलग विधानसभा सीटों से करीब 25 साल तक विधायक रहे रामवीर उपाध्याय की गिनती यूपी के बड़े नेताओं में होती थी। साथ ही ब्राह्मण समाज में उनकी बहुत अच्छी पकड़ थी। साल 2009 में उन्होंने आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से पत्नी सीमा उपाध्याय को मैदान में उतारा, जहां उन्होंने राज बब्बर को हराया।
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यूपी के पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय मायावती सरकार में चिकित्सा शिक्षा और परिवहन मंत्री भी थे। उनका आगरा से गहरा नाता था। रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय अभी हाथरस जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं। वहीं एक बेटा और दो बेटियां हैं। रामवीर उपाध्याय के भाई रामेश्वर ब्लॉक प्रमुख हैं, तो वहीं उनके एक दूसरे भाई मुकुल उपाध्याय पूर्व विधायक हैं। रामवीर उपाध्याय इसी साल जनवरी महीने में बीएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंन सादाबाद सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा।