- गत तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई
- आरोप है कि प्रदर्शनकारी किसानों को जिस जीप ने कुचला उसमें सवार थे आशीष मिश्र
- मामले की जांच करने वाली एसआईटी ने कहा है कि साजिश के तहत किसानों को कुचला गया
लखनऊ : लखीमपुर खीरी मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को 5000 पन्नों की भारी भरकम चार्जशीट दायर की। हिंसा मामले में पुलिस ने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाया है। गत तीन अक्टूबर को तिकोनिया में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई। हिंसा मामले की जांच करने वाली एसआईटी ने कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों को साजिश के तहत मारा गया। चार्जशीट में पुलिस ने भी घटना को सोची-समझी साजिश करार दिया है। पुलिस ने 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
हिंसा में चार किसानों की मौत हुई
इस हिंसा में 4 किसानों की मौत हुई जबकि चार लोग वाहनों के काफिले का हिस्सा थे। वाहनों का यह काफिला उत्तर प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का स्वागत करने के लिए आया था। आरोप है कि वाहनों के काफिले में शामिल एक जीप प्रदर्शनकारी किसानों को रौंदते हुए निकल गई। इस घटना में चार किसानों ने दम तोड़ दिया। आरोप है कि इस जीप में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे सवार थे। जबकि अजय मिश्र का दावा है कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे।
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आशीष मिश्र का एक रिश्तेदार भी आरोपी
रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि जांच में उसे पता चला है कि हिंसा के समय आशीष मिश्र घटनास्थल पर मौजूद थे। चार्जशीट में आशीष मिश्र के एक रिश्तेदार को भी आरोपी बनाया गया है।
स्कॉरपियो में मौजूद वीरेंद्र शुक्ला पर साक्ष्य छिपाने का आरोप
इसके पहले आशीष मिश्र ने यह साबित करने के लिए किसानों को कुचलने वाले वाहन में वह मौजूद नहीं थे, 10 लोगों का हलफनामा और वीडियो जांच टीम को सौंपा था। घटना के समय स्कॉरपियो में मौजूद वीरेंद्र शुक्ला पर साक्ष्य छिपाने का आरोप लगा है। पुलिस ने वीरेंद्र को भी आरोपी बनाया है। बताया जा रहा है कि वीरेंद्र शुक्ला उनके मामा हैं।
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विपक्ष के निशाने पर हैं गृह राज्य मंत्री
गत 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई इस हिंसा के बाद गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र विपक्ष के निशाने पर हैं। विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। अजय मिश्र के इस्तीफे को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र में काफी हंगामा देखने को मिला। मिश्र के इस्तीफे पर विपक्ष अड़ा रहा जिसकी वजह से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। वहीं, भाजपा यूपी चुनावों को देखते हुए अजय मिश्र से दूरी बनाकर चल रही है।