- एसटीएफ को मिली बड़ी कामयाबी, सरगना सहित छह गिरफ्तार
- नशे का कारोबार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
- डार्कवेव से खरीदारों का डाटा जुटाकर व्हाट्सएप कॉल पर करते थे संपर्क
Lucknow News: लखनऊ में एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो बिटकॉइन से भुगतान कराने के बाद देश-विदेश में नशीली और प्रतिबंधित दवाएं बेचता था। एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गिरोह के सरगना बिजनौर के रहने वाले शहबाज को उसके पांच साथियों के साथ आलमबाग क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। गिरोह डार्कवेव से खरीदारों का डाटा जमा करता था। फिर दवाएं बेचने के लिए ग्राहकों से संपर्क करता था। आरोपियों के पास से तीन लग्जरी गाड़ियां और प्रतिबंधित दवाएं बरामद हुई हैं। एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने बताया कि, आरोपियों की पहचान बाजारखाला के आरिज एजाज, आलमबाग के गौतम, गोसाईंगंज-अमेठी के शारिब एजाज, बिजनौर के जावेद खान और ऐशबाग के सऊद अली के रूप में हुई।
मुखबिर से जानकारी मिली थी कि, राजधानी में कुछ लोग नशीली दवाओं की ऑनलाइन बिक्री कर रहे हैं। इसके लिए चंदरनगर में किराये के मकान में कॉल सेंटर है। इसके बाद एसटीएफ टीम चंदरनगर पहुंची और शहबाज को गिरफ्तार किया। एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह के अनुसार शहबाज खान गिरोह का सरगना है।
मुख्य आरोपी के साथी भी किए गिरफ्तार
एसटीएफ की पूछताछ में शहबाज ने खुलासा किया कि, वह डार्क वेव से ग्राहकों का डाटा जुटाता था। इसके बाद ग्राहकों से व्हॉटसएप कॉलिंग के जरिए बात करता था। व्हॉटसएप पर ही ग्राहक ऑर्डर देते थे। इसके बाद ऑनलाइन बुकिंग कर नशीली और प्रतिबंधित दवाएं उन्हें भेजी जाती थीं। इसके लिए भुगतान वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन में लिया जाता था। आरोपी शहबाज ने कबूल किया कि अवैध कारोबार में आरिज, सारिज, जावेद, सऊद और गौतम भी शामिल थे। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि, शहबाज ने अमीनाबाद में दवा बाजार से कुछ लोगों के जरिए नशीली दवाएं खरीदी थीं। टीम द्वारा बरामद कई दवाओं की रेट लिस्ट और दवा बनाने वाली कंपनी का नाम बिगाड़ा हुआ था।
आरोपियों के पास से मिला ये सामान
आरोपियों के पास से एसटीएफ की टीम ने 36 स्ट्रिप प्रतिबंधित दवाई, लैपटॉप, 30 डेबिट-क्रेडिट कार्ड, 17 मोबाइल, पांच आधार कार्ड, पांच वोटर कार्ड बरामद किए गए है। इसके अलावा 3 लग्जरी गाड़ियां, एक बाइक और पांच हजार रुपये की नकदी बरामद की गई है।