- राजधानी लखनऊ में अब जल्द पीले पंजे की गूंज सुनाई देगी
- इलीगल कंस्ट्रक्शन को चिह्नित कर गिराया जाएगा
- अवैध निर्माणों पर अथॉरिटी के वीसी का कड़ा रूख
Lucknow Developement Authority: यूपी की राजधानी लखनऊ में अब जल्द पीले पंजे(बुलडोजर) की गूंज सुनाई देगी। इंसानी तहजीब की नजीर इस शहर की खूबसूरती पर कालिख पोत रहे अवैध निर्माणों पर सरकारी बुलडोजर गरजेगा। अवैध निर्माणों पर कड़ा रूख अपनाते हुए लखनऊ विकास प्राधिकारण के नवनियुक्त डिप्टी चेयरपर्सन डा. इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा है कि, राजधानी के सौंदर्यीकरण में बाधा बन रहे अवैध निर्माणों को जल्द ढहा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि, इसे लेकर विभागीय तौर पर टीमों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। इंफोर्समेंट टीमें फेज वाइज अवैध निर्माणों को चिह्नित कर कार्यवाही करेगी। डा. त्रिपाठी के मुताबिक, शहर में अनियोजित हो या फिर नियोजित सभी कॉलोनियों में हो चुके या चल रहे इलीगल कंस्ट्रक्शन को चिह्नित कर गिराया जाएगा। इसे लेकर सभी जॉनल अधिकारियों को उनके क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों की जांच सहित उन पर रोक के निर्देश दिए गए हैं।
पहले तैयार होगी लिस्ट
इसके अलावा निर्माण कार्यों की जांच के बाद उनकी सूची तैयार कर प्राधिकरण को अवगत करवाने के बाद इलीगल बिल्डिगों को गिराने की कार्रवाई की जाएगी। डा. त्रिपाठी ने ये भी स्पष्ट किया है कि, अवैध निर्माण को लेकर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा। इसे लेकर कार्रवाई एक समान होगी। इसमें कुछ बिंदूओं पर गौर करने के बाद अगर राहत की गुंजाइश होगी तो देखा जाएगा, अन्यथा अवैध निर्माण ढहा दिए जाएंगे।
इन इलाकों पर अथॉरिटी की नजर
एलडीए के वीसी डा. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि, शहर के कई जोन में अवैध निर्माण की जानकारियां सामने आई हैं। जिसमें इंफोर्समेंट के जोन 6 के तहत आने वाले इलाकों में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण हो रहे हैं। यहां बिल्डर बैखोफ कांक्रीट के जंगल तेजी से खड़ कर रहे हैं। इसमें डालीगंज में एक अवैध कांप्लेक्स बन गया। इसके अंडर ग्राउंड में पार्किंग के स्थान पर दुकानें बना दी गई। अतिरिक्त अभियंता ए के महिंद्रा ने बताया कि, वे अभी यहां आए हैं, निर्माण उनके कार्यकाल से पहले के हैं। इसी प्रकार इसी प्रकार निशांतगंज में अवैध निर्माणों की भरमार है। जो कि प्राधिकरण के इंजीनियर्स के नियमों का खुला मखौल उड़ा रहे हैं। डा. त्रिपाठी के मुताबिक, शहर के पत्रकारपुरम व गोमती नगर सहित कई इलाकों मे अवैध कंस्ट्रक्शन की भरमार है।