- सीएए को लेकर 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए हिंसक प्रदर्शन बाद सोशल मीडिया पर सिटी एसपी का 43 सेकेंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है
- वीडियो के अनुसार अफसर कहते हैं कि उनको कह दो वे पाकिस्तान चले जाएं। कोई गलत बात मंजूर नहीं होगी
- इस पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वर्षों से रह रहे मुसलमान भारतीय है ना कि पाकिस्तानी
लखनऊ : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और संभावित एनआरसी के खिलाफ देशभर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन हिंसक हो गया और कई लोगों की मौत हो गई। मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह का एक वीडियो वायरल हो गया। जिससे राजनीति गरमा गई है। इस पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वर्षों से रह रहे मुसलमान भारतीय है ना कि पाकिस्तानी अर्थात् CAA/NRC के विरोध-प्रदर्शन के दौरान खासकर उत्तर प्रदेश के मेरठ एसपी सिटी द्वारा उनके प्रति साम्प्रदायिक भाषा/टिप्पणी करना अति निन्दनीय व दुर्भाग्यपूर्ण।
उन्होंने दूसरे ट्वीट मे कहा कि ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषी होने के सही सबूत मिलने पर फिर उनको तुरन्त नौकरी से बर्खास्त करना चाहिए। बीएसपी की यह मांग है।
गौर हो कि सीएए को लेकर 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए हिंसक प्रदर्शन बाद सोशल मीडिया पर एक अफसर का 43 सेकेंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में हाथ में डंडा और हेलमेट पहने हुए अफसर बॉडी प्रोटेक्टर जैकेट पहनकर गली में जाते दिखाई पड़ रहे हैं। वह मोबाइल से वीडियो बनाते हुए गली में वापस मुड़ते हैं। एक समुदाय के लोगों से कहते हैं कि जो हो रहा है वह ठीक नहीं है। इस पर वहां खड़ा एक व्यक्ति कहता है कि 'जो लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं, वे गलत हैं।' इस पर अफसर कहते हैं कि 'उनको कह दो वे पाकिस्तान चले जाएं। कोई गलत बात मंजूर नहीं होगी।' इस दौरान उन्होंने कहा, 'यह गली मुझे याद हो गई है। जो एक बार याद कर लेता हूं तो उसे भूलता नहीं हूं। एक-एक आदमी को जेल भेज दूंगा। सुन लिया न।'
इस संबंध में एसपी सिटी ने मीडिया को सफाई देते कहा कि जो कुछ भी वीडियो में सुना गया, वह प्रदर्शनकारियों के उस समूह को जवाब था, जो 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने वालों को वहां से भगाया गया। उन्होंने कहा कि एडीएम सिटी अजय तिवारी और मैं पुलिस फोर्स के साथ जब वहां पहुंचे तो कुछ उपद्रवी पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगा रहे थे। मैंने इतना कहा कि अगर पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगा रहे हो तो फिर वहीं चले जाओ। इसके अलावा कुछ नहीं कहा।'
दूसरी ओर इस पूरे मामले में एडीजी प्रशांत कुमार ने एसपी का बचाव करते हुए इसे सजिश का हिस्सा बताया है। प्रशांत कुमार ने कहा कि वायरल वीडियो बीते 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए हिसा के बाद का है। उन्होंने बताया कि इसमें तथ्य यह है कि वहां भारत विरोधी एवं पड़ोसी देश के जिंदाबाद के नारे लग रहे थे और कुछ लोग पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के आपतिजनक पर्चे बांट रहे थे।'
उन्होंने कहा कि इस सूचना पर नगर पुलिस अधीक्षक (एसपी सिटी) और अपर जिला अधिकारी (एडीएम) सिटी मौके पर गए थे। उन्होंने उपद्रवियों से कहा था 'आप जाना चाहते हैं तो कहीं भी जाएं, लेकिन यहां उपद्रव न करें।' उन्होंने कहा कि घटना के एक सप्ताह बाद इस तरह के वीडियो वायरल होना विशेषकर जब शुक्रवार को शांति थी, एक साजिश का हिस्सा है, ताकि यहां के हालात सामान्य न हो पाएं।'
उधर, बीजेपी प्रवक्ता और राज्य सरकार के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने इस संबंध में ट्वीट किया था कि सैल्यूट है मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह को 'पाकिस्तान जिंदाबाद' और 'भारत मुर्दाबाद' के नारे लगा रहे उपद्रवियों को करारा जवाब देने के लिए। अब कुछ तथाकथित प्रबुद्घों को अफसोस है कि 'भारत मुर्दाबाद' और 'पाकिस्तान जिंदाबाद' बोलने वाले गद्दारों को पाकिस्तान जाने को क्यूं कहा!