- मुनव्वर राणा ने हाल ही में कहा था कि योगी के दोबारा सत्ता में आने पर यूपी छोड़ देंगे
- असदुद्दीन ओवैसी को मुनव्वर राणा ने बताया है वोटकटवा
- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बोले- मुनव्वर राणा यूपी छोड़ने के लिए तैयार रहें
मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने हाल ही में कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ दोबारा सरकार बनाने में कामयाब होते हैं तो वो यूपी छोड़कर कोलकाता चले जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी को वोटकटवा तक करार दिया। मुनव्वर राना के इस बयान पर सियासी गरमी चरम पर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक योगी सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने यहां तक कह दिया कि जो लोग भारतीयों के खिलाऱ खड़े होंगे उन्हें एनकाउंटर में मारा जाएगा। इन सबके बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कहा कि मुनव्वर राणा को यूपी छोड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि योगी आदित्यनाथ दोबारा सरकार में आ रहे हैं।
महंत नरेंद्र गिरि ने क्या कहा
एबीएपी के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि मुनव्वर राणा कट्टरपंथियों के हाथों में खेल रहे हैं। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान, पिछले चार में कोई दंगा नहीं हुआ है डेढ़ साल। उत्तर प्रदेश में जब भी अन्य सरकारें रही हैं, दंगे हुए हैं और मुसलमान भी असुरक्षित रहे हैं।गिरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के शासन में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं, लेकिन राणा का यह बयान कि अगर भाजपा अगला विधानसभा चुनाव जीतती है और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनते हैं तो वह राज्य छोड़ देंगे, बेतुका है। गिरि ने कहा कि राणा का बयान बताता है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
क्या कहते हैं लोग और जानकार
यह एक बड़ा सवाल रहा है कि आखिर मुसलमानों को कौन डरा रहा है। क्या मुस्लिमों की डर के पीछे की वास्तविक वजह बीजेपी है या फिर कुछ लोग सिर्फ और सिर्फ सियासत में बने रहने के लिए मुसलमानों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस विषय पर एक्सपर्ट्स राय से पहले यूपी के गोरखपुर, वाराणासी, आजमगढ़ और मेरठ जिले के लोगों का क्या कहना है। दरअसल जब इस विषय पर बातचीत की गई तो लोगों ने कहा कि यह सच्चाई है कि बहुसंख्यक समाज में जो भी वर्ग अल्पसंख्यक समाज रहता है उसे डर लगता है। लेकिन उस डर पर जब सियासी रंग चढ़ जाता है तो अविश्वास का माहौल बनता है।
अगर आप जमीनी स्तर पर देखें को मुस्लिम और हिंदू समाज में किसी तरह का बैर नहीं है। लेकिन जब सियासत एंट्री करती है तो कोई भी समाज खासतौर से अल्पसंख्यक समाज से जुड़े लोगों को बरगलाना आसान हो जाता है और इस तरह से कुछ लोगो ना सिर्फ अपने आपको प्रासंगिक बना लेते हैं बल्कि राजनीतिक तौर पर फायदा भी उठा लेते हैं।