लखनऊ: कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के चलते लखनऊ नगर निगम क्षेत्र में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि शहर में कल से रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच कर्फ्यू लगाया जाएगा। ये नाइट कर्फ्यू 16 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक रहेगा। दिन में सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक कोविड प्रोटोकाल के साथ काम चलता रहेगा। कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तु को लाने ले जाने की छूट होगी। कानपुर, नोएडा और वाराणसी में भी नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। कानपुर में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। ये नियम 30 अप्रैल तक प्रभावी है।
पार्कों पर लगी रोक
इसके अलावा लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित सभी बडे़ पार्क प्रातः 7-10 बजे तथा शाम 4-8 बजे के मध्य ही खुले रहेंगे। मास्क लगाना तथा सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना आवश्यक होगा। 65 वर्ष से अधिक आयु, सह-रूग्णता, गर्भवती स्त्रियां और 10 वर्ष आयु से नीचे के बच्चों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। लखनऊ में कोविड19 संक्रमण पर नियंत्रण हेतु तत्काल प्रभाव से दिनांक 15 अप्रैल 2021 तक चिकित्सा, नर्सिंग एवम् पैरा मेडिकल संस्थानों को छोड़ कर समस्त सरकारी, गैर सरकारी अथवा निजी प्रबंधधीन विद्यालय, महाविद्यालय एवम् शैक्षणिक संस्थान एवं कोचिंग संस्थान बंद किए जाते हैं।
योगी सरकार ने निर्देश दिया है कि जिन जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक कोविड मामले दर्ज किए जा रहे हैं या कुल सक्रिय मामलों की संख्या 500 से अधिक है, वहां माध्यमिक विद्यालयों में अवकाश के संबंध में जिलाधिकारी स्थानीय स्थिति के अनुरूप निर्णय लें।
13 जिलों की स्थिति की समीक्षा
कोविड-19 से अति प्रभावित 13 जनपदों की स्थिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिशा-निर्देश दिए। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गोरखपुर, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, झांसी, बरेली, गाजियाबाद, आगरा, सहारनपुर और मुरादाबाद जिले में कोविड संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। यहां केस की संख्या अधिक है।हालांकि पॉजिटिविटी दर में गिरावट हुई है। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाई जाए। ट्रेस करके उनका टेस्ट किया जाए और जरूरत के अनुसार ट्रीटमेंट दिया जाए। निगरानी समितियों और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता बढ़ाई जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का अधिकाधिक प्रयोग किया जाए। मास्क न लगाने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। इन सभी जनपदों में निगरानी के लिए तत्काल विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों की तैनाती की जाए।
औचक निरीक्षण करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
निर्देशों में कहा गया कि जिन जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक केस मिल रहे हैं, अथवा जहां कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक है, वहां माध्यमिक विद्यालयों में अवकाश के संबंध में जिलाधिकारी स्थानीय स्थिति के अनुरूप निर्णय लें। ऐसे जिलों में रात्रि में आवागमन नियंत्रित रखने के संबंध में भी समुचित निर्णय लिया जाए, लेकिन किसी भी परिस्थिति में आवश्यक सामग्री जैसे दवा, खाद्यान्न आदि के आवागमन को बाधित न किया जाए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री अधिकारियों के साथ जनपदों का दौरा करें। स्थिति को देखें और व्यवस्था सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दें। मैं स्वयं भी अगले कुछ दिनों में प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर जिलों का औचक निरीक्षण करूंगा।
सभी जनपदों में पीपीई किट, पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थरमामीटर, सैनिटाइजर, एंटीजन किट सहित सभी आवश्यक लॉजिस्टिक की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। किसी भी जनपद से लॉजिस्टिक के अभाव की शिकायत नहीं आनी चाहिए। जरूरत हो तो तत्काल शासन को अवगत कराएं, पूरी मदद मिलेगी।
'एकजुट होकर काम करना होगा'
आपदाकाल में हमें एकजुट होकर काम करना होगा। सभी सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों के एम्बुलेंसों को कोविड मरीजों के उपयोग में लाया जाए। इन एम्बुलेंसों को इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाए।मरीजों को तत्काल रिस्पॉन्स मिलना चाहिए। जिन जिलों में जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी स्तर के अधिकारी संक्रमित हैं, वहां संबंधित विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की भूमिका बढ़ाई जाए। सीएमओ की अनुपस्थिति हो तो एडी हेल्थ स्तर के अधिकारी सेवाएं दें।
RT-PCR टेस्ट बढ़ाए जाएं
नगर विकास विभाग द्वारा नगरों में विशेष स्वच्छता अभियान संचालित किया जाए। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सैनिटाइजेशन, स्वच्छता आदि का विशेष महत्व है। कुल कोविड टेस्ट में कम से कम 50 प्रतिशत टेस्ट प्रतिदिन आरटीपीसीआर विधि से किए जाएं। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट तथा बस अड्डे पर रैपिड एन्टीजन टेस्ट की व्यवस्था को और प्रभावी किया जाए। अगले कुछ दिनों में महाराष्ट्र आदि प्रदेशों से विशेष ट्रेन भी संचालित होगी। ऐसे में गोरखपुर, गोंडा, बस्ती व आसपास के क्षेत्रों में खास सतर्कता बरते जाने की जरूरत है। कोविड मरीजों के लिए बेड की कोई कमी नहीं है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए यह आवश्यक है कि कोविड अस्पतालों में और अधिक संख्या में बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जनपदवार स्थिति की समीक्षा करते हुए बेड को संख्या में बढ़ोतरी की जाए। कोविड व नॉन कोविड के लिए इलाज की अलग-अलग और समुचित व्यवस्था की जाए। जिलाधिकारीगण पंचायत चुनाव की व्यवस्था को सुचारु रखते हुए जनपद के सभी विभागों के कार्मिकों को कोविड प्रबंधन के कार्य से जोड़ें। अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए भी स्वीकृति दी गई है। तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।सिविल डिफेंस की सेवाएं ले सकते हैं।