- एसजीपीजीआई आने वाले मरीजों व तीमारदारों के लिए अच्छी खबर
- बनाया जाएगा बहुमंजिला रैन बसेरा
- यूपी कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मिली हरी झंडी
Lucknow News : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में आने वाले मरीजों के लिए मरीजों और तीमारदारों के लिए अच्छी खबर है। यहां सरकार जल्द ही ठहरने की उत्तम व्यवस्था करेगी। यहां योगी सरकार नया बहुमंजिला रैन बसेरा बनाएगी। सिंचाई विभाग इस रैन बसेरे के लिए जमीन उपलब्ध कराएगा। मंगलवार को हुई यूपी सरकार कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई।
आपको बता दें कि, एसजीपीजीआई में यूपी ही नहीं अन्य कई प्रदेश व नेपाल से मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां मरीज और उनके तीमारदारों को ठहरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी परेशानी को देखते हुए सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है।
मरीज व तीमारदारों को होती है परेशानी
प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही, नेपाल, एमपी, बिहार समेत अन्य राज्यों के मरीज एसजीपीजीआई में इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं। एसजीपीजीआई में मरीज लंबे समय तक भर्ती भी रहते हैं। एक दिन में मरीज के टेस्ट नहीं हो पाते हैं, उन्हें दूसरे दिन रिपोर्ट कराने के लिए रूकना पड़ता है, ऐसे में मरीज व उनके तीमारदारों को ठहरने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। हालांकि यहां पहले से भी यहां दो रैन बसेरे बने हुए हैं, लेकिन मरीजों व तीमारदारों की संख्या अधिक होने की वजह से जगह कम रह जाती है। एसजीपीजीआई प्रशासन ने इस समस्या का समाधान करने के लिए शासन को नए रैन बसेरे का प्रस्ताव भेजा था।
सिंचाई विभाग हस्तांतरित करेगा जमीन
प्रस्ताव में जिक्र किया गया था कि, एसजीपीजीआई कैंपस के सामने सड़क के पार सिंचाई विभाग की 5,393 वर्ग मीटर जमीन खाली पड़ी है। इस जमीन पर बहुमंजिला रैन बसेरा बनाया जा सकता है, इसके बनने से तीमारदारों के ठहरने की व्यवस्था हो जाएगी। इस प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में रखा गया, कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। अब जल्द ही सिंचाई विभाग इस जमीन को निशुल्क चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करेगा। संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान का कहना है कि, नए रैन बसेरे के लिए जमीन मांगी गई थी। यह जमीन जल्द ही हमें मिल जाएगी। इस जमीन पर रैन बसेरा बनाया जाएगा और तीमारदारों के ठहरने की समस्या को दूर किया जाएगा।