- मकान-दुकान के गृहकर निर्धारण की ऑनलाइन सुविधा जल्द होगी शुरू
- गलत जानकारी देने पर लगेगा गृहकर का चार गुना जुर्माना
- एनआईसी में इसका ट्रायल शुरू
Lucknow Nagar Nigam: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मकान और दुकान के गृहकर निर्धारण की ऑनलाइन सुविधा जल्द शुरू होने वाली है। इसके लिए बनाया नया सॉफ्टवेयर महज पांच मिनट में टैक्स की गणना कर देगा, जिसे उसी वक्त भरा भी जा सकेगा। आवेदक जो विवरण दर्ज करेगा, सही मानकर सॉफ्टवेयर बिल बनाएगा, लेकिन दी गई जानकारी बाद में हुई जांच में गलत निकली तो गृहकर का चार गुना जुर्माना लगेगा। उधर, सोमवार को नए मॉडयूल के सफल प्रजेंटेशन के बाद एनआईसी में इसका ट्रायल भी शुरू हो गया।
नगर निगम के अफसर भी इसे सीखने जा रहे हैं। गृहकर निर्धारण की ऑनलाइन सुविधा लोगों की सहूलियत के हिसाब से आसान बनाई जा रही है। इससे पहले नगर निगम ने इंस्पेक्टर राज खत्म करने के लिए वर्ष 2002 में स्वकर निर्धारण व्यवस्था की थी।
कम से कम 10 प्रतिशत की स्थलीय होगी जांच
इसमें भवनस्वामी मकान और दुकान की नापजोख कर उसका गृहकर निर्धारण के तहत ऑनलाइन सिस्टम से जितने भवनों का गृहकर तय होगा, उनमें से कम से कम 10 प्रतिशत की स्थलीय जांच भी होगी। इसमें यदि भवनस्वामी की ओर से दिया गया विवरण मौके पर गलत पाया गया तो उस पर हाउस टैक्स का चार गुना जुर्माना लगेगा। अभी ऑफलाइन सिस्टम में बिना टैक्स इंस्पेक्टर की रिपोर्ट के गृहकर निर्धारण नहीं हो पाता है। ऐसे में अभी इस तरह का जुर्माना नहीं लगाया जाता है। ऑनलाइन में यदि भवनस्वामी टैक्स चोरी के लिए क्षेत्रफल को कम या व्यावसायिक को आवासीय दिखाएगा तो उस पर जुर्माना लगेगा।
ये दस्तावेज करने होंगे अपलोड
अब ऑनलाइन व्यवस्था में भवनस्वामी खुद घर बैठे गृह निर्धारण कर सकेंगे, जिससे बाबू व इंस्पेक्टर का दखल खत्म हो जाएगा। गृहकर तय करने के लिए रजिस्ट्री की पहले दो पेज और अंतिम पेज की फोटो (300 केबी अधिकतम, पीडीएफ फाइल) बिजली का पहला बिल (300 केबी अधिकतम, पीडीएफ फाइल) अपलोड करना होगा। इसके अलावा भवन स्वामी की फोटो (50 केबी, जेपीजी फॉर्मेट) और प्लाट का पूरा क्षेत्रफल व निर्मित क्षेत्रफल अपलोड करना होगा।