- दस हजार प्रकार की दवाएं एवं सर्जिकल सामान मिलेगा
- स्टोर में दवाएं उपलब्ध न होने से नहीं भटकेंगे मरीज
- सभी डॉक्टरों से दवा की सूची लेकर विभाग के हिसाब से रखी जाएंगी दवाएं
Lucknow KGMU News: लखनऊ के केजीएमयू की ओपीडी एवं भर्ती मरीजों के लिए अच्छी खबर है। केजीएमयू अब मरीजों को वो सारी दवाएं उपलब्ध कराने की कोशिश करेगा जो उनको डॉक्टर दवा लिखेंगे। केजीएमयू के मेडिकल स्टोर पर पहले पांच हजार प्रकार की दवाएं उपलब्ध रहती थीं। अब दस हजार प्रकार की रहेंगी। दवा के साथ-साथ सर्जिकल सामान भी उचित दरों पर मिल सकेंगे। विभाग की जरूरत के हिसाब से स्टोर में दवाएं रखवाई जाएंगी। ताकि मरीजों को दवाओं के लिए भटकना न पड़े।
अधिकारियों ने एक से दो माह में रेट कांट्रेक्ट (आरसी) की सूची तैयार होने का दावा किया है। जानकारी के लिए बता दें, केजीएमयू में करीब 4500 बेड हैं। ज्यादातर बेड हमेशा भरे रहते हैं। करीब 40 क्लीनिक विभागों का संचालन हो रहा है। इनमें रोजाना चार से पांच हजार मरीज आ रहे हैं। जबकि कोरोना काल से पहले आठ से 10 हजार मरीज ओपीडी में आ रहे थे। इन मरीजों को बाहर से दवा न लेनी पड़े इसके लिए पहल की गई है।
अच्छी कंपनी की दवा सस्ते रेट पर मिलेंगी
मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टरों का कहना है कि, विभाग की जरूरत के हिसाब से स्टोर में दवाएं रखी जाएंगी। इसके लिए विभागवार डॉक्टरों से दवाओं की सूची ली गई है। उन्हें जरूरत के हिसाब से आरसी में शामिल की जा रही है। नामचीन कंपनियों की दवाएं व उपकरण मरीजों को 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर मरीजों को मिलेगा। केजीएमयू अधिकारियों का कहना है कि, अभी एचआरएफ के स्टोर पर करीब पांच हजार तरह की दवाएं, सर्जिकल उपकरण, इम्प्लांट आदि उपलब्ध है। तकरीबन 5000 तरह की दवा, उपकरण, इम्प्लांट, लैंस आदि की आरसी तैयार की जा रही है। कुल 10 हजार तरह की दवाएं व सर्जिकल सामान एचआरएफ के स्टोर में उपलब्ध रहेगी।
पुरानी व्यवस्था में होगा बदलाव
अभी ओपीडी व भर्ती मरीजों के लिए करीब 20 मेडिकल स्टोर परिसर में संचालित हो रहे हैं। इसमें हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के 13 मेडिकल स्टोर का संचालन हो रहा है। दो अमृत फार्मेसी हैं। पीपीपी मॉडल पर एक मेडिकल स्टोर चल रहा है। जन औषधि केंद्र का भी संचालन हो रहा है। इसके बावजूद मरीजों को सस्ती दवा के लिए भटकना पड़ रहा है। वजह यह है कि, सबसे ज्यादा एचआरएफ के स्टोर हैं। विभाग स्तर पर ये स्टोर खुले हैं। पर, इनमें पीजीआई की आरसी के हिसाब से दवाएं रखी गई हैं। जबकि प्रत्येक अस्पताल की दवा व सर्जिकल उपकरणों की जरूरत अलग होती है। इसलिए सभी डॉक्टरों से सूची लेकर मरीजों के लिए दवा उपलब्ध कराई जाएगी।