लखनऊ : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लखनऊ एवं खीरी लखीमपुर खीरी दौरे से पहले उनके और प्रियंका गांधी के खिलाफ होर्डिंग्स लगाई गई है। ये पोस्टर लखनऊ और अन्य शहरों में लगे हैं। कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ये होर्डिंग्स सिख संगठनों की ओर से लगाए गए हैं। पोस्टर में लिखा है कि 'राहुल गांधी वापस जाओ, प्रियंका गांधी वापस जाओ। 1984 के सिख दंगों के जिम्मेदारों से लखीमपुर के किसानों को सहानुभूति नहीं चाहिए।' कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को दो मुख्यमंत्रियों के साथ लखीमपुर जाने वाले हैं।
किसानों पर व्यवस्थित रूप से हो रहे हमले-राहुल
लखनऊ के लिए रवाना होने से पहले राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों पर व्यवस्थित तरीके से हमले कर रही है। उन्होंने कहा कि वह लखीमपुर जाकर जमीनी वास्तविकता समझना चाहते हैं, इसलिए वह लखनऊ जा रहे हैं। राहुल ने कहा कि सरकार अन्य दलों को वहां जाने दे रही लेकिन उन्हें रोक रही है। धारा 144 पांच से अधिक लोगों पर लागू होती है। हम लखीमपुर खीरी जाकर सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं।
गिरफ्तार हैं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी
लखीमपुर खीरी में रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम से पहले हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हुई है। इसके बाद से सियासत गरम है। विपक्ष योगी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। सोमवार तड़के लखीमपुर जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस ने रास्ते में रोककर हिरासत में लिया। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि उसने शांति भंग के आरोपों पर गिरफ्तार किया गया है। सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में बंद प्रियंका ने कहा है कि उन्हें 'अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया है।'
प्रियंका बोलों-'अवैध रूप से हिरासत में रखा'
प्रियंका की ओर से मंगलवार शाम जारी एक बयान में कहा गया, ‘चार अक्टूबर को सुबह करीब साढ़े चार बजे पुलिस उपाधीक्षक के कथनानुसार मुझे धारा 151 के तहत हिरासत में ले लिया गया।’उन्होंने दावा किया कि ''जिस समय मुझे हिरासत में लिया गया, उस समय मैं लखीमपुर खीरी जिले की सीमा से 20 किलोमीटर पहले सीतापुर में थी और उस समय लखीमपुर खीरी में धारा 144 लगी थी लेकिन सीतापुर जिले में धारा 144 नहीं लगी थी।' कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा, ''वैसे भी मैं दो कांग्रेस कार्यकर्ताओं और दीपेंद्र हुड्डा और संदीप सिंह के साथ एक गाड़ी में जा रही थी। चार लोगों के अलावा न तो मेरे साथ सुरक्षा दस्ते की गाड़ी थी और न ही कोई अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे साथ था।''