- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना प्राधिकरण से प्रस्ताव मांगे थे
- यमुना प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे के सेक्टर- 21 में 1,000 हेक्टेयर जमीन फिल्म सिटी के लिए प्रस्तावित की
- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नाइट सफारी की करीब 550 हेक्टेयर जमीन पर फिल्म सिटी को मूर्त रूप देने का प्रस्ताव दिया
फिल्म सिटी बसाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना प्राधिकरण से प्रस्ताव मांगे थे। यमुना प्राधिकरण एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपने प्रस्ताव शासन को भेज दिए हैं। यमुना प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे के सेक्टर- 21 में 1,000 हेक्टेयर जमीन फिल्म सिटी के लिए प्रस्तावित की है और इसे शासन को भेज दिया है, वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नाइट सफारी की करीब 550 हेक्टेयर जमीन पर फिल्म सिटी को मूर्त रूप देने का प्रस्ताव दिया है।
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि फिल्म सिटी का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि सोमवार को इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। दोनों प्राधिकरण के प्रस्ताव पर मंगलवार को लखनऊ में चर्चा होगी। फिल्म बंधु की मंगलवार को बैठक होनी है। इसके बाद फिल्म सिटी को बसाने के लिए आगे की प्रक्रिया पर चर्चा होगी।
सीएम योगी ने भव्य फिल्म सिटी के निर्माण की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश की सबसे सुंदर फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया है। उन्होंने नोएडा क्षेत्र में भव्य फिल्म सिटी के निर्माण की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को फिल्म निर्माण का हब बनाना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश फिल्म निर्माण का हब बने और अधिक से अधिक कलाकारों को यूपी में रोजगार मिले, इसके लिए योगी आदित्यनाथ काफी समय से प्रयास कर रहे थे। इसी क्रम में दो महीने पूर्व उन्होंने उत्तर प्रदेश फिल्म नीति की समीक्षा कर उसे सुगम और सरल बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सरकार ने यूपी के नामचीन कलाकारों से संवाद स्थापित किया और फिल्म सिटी के विषय में चर्चा की।
फिल्म सिटी के लिए नोएडा हर तरह से मुफीद जगह
अगर किसी भी जगह को फिल्म निर्माण का हब बनाना है तो उस स्थान की कनेक्टिविटी बेहतर होनी चाहिए। ऐसे में नोएडा हर तरह से मुफीद जगह है। देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा नोएउा से सटे जेवर में बनने जा रहा है। दिल्ली से नोएडा की कनेक्टिविटी 20 से 25 मिनट की है, वहीं उत्तर प्रदेश के बाकी शहरों से भी नोएडा सीधे सीधे जुड़ा हुआ है।
यमुना एक्सप्रेस वे की मदद से आगरा, मथुरा, लखनऊ सहित अन्य शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर है। वहीं नोएडा आधुनिक शहर है और फिल्म निर्माण में सहयोग के लिए यहां जरूरत के कलाकार मौजूद हैं। चुंकि नोएडा मीडिया का हब है, ऐसे में यहां कैमरामैन, मेकअप आर्टिस्ट, लाइट ऑपरेटर, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर का काम समझने वाले लोग उपलब्ध हैं।
यूपी में फिल्मकारों को सिंगल विंडो पोर्टल से घर बैठे अनुमति मिलेगी
हर साल दर्जन भर फिल्मों की शूटिंग उत्तर प्रदेश में ही होती है और अधिकांश फिल्में/वेबसीरीज यूपी की कहानियों पर आधारित होती है। यहां की शूटिंग लोकेशंस लाजवाब हैं। वाराणसी, आगरा, लखनऊ, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, नोएडा, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, मेरठ आदि फिल्म मेकर्स की पसंदीदा शूटिंग लोकेशंस हैं। इसके साथ ही यू.पी. फिल्म पॉलिसी को सुगम बनाया गया है ताकि सिंगल विंडो से फिल्म शूटिंग की अनुमति मिल सके और फिल्मों को सब्सिडी मिल सके। यूपी में फिल्मकारों को सिंगल विंडो पोर्टल से घर बैठे अनुमति मिलेगी। नवंबर तक इसे सेवा को शुरू करने की कोशिश है। इतना ही नहीं फिल्मकारों की समस्याओं का भी ऑनलाइन समाधान पोर्टल के माध्यम से होगा। पोर्टल पर निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, पटकथा लेखक सबसे लिए अलग अलग स्लॉट होगा।
अमिताभ बच्चन की गुलाबो सिताबो, आयुष्मान खुराना की बाला और ड्रीमगर्ल, कार्तिक आर्यन की 'पति, पत्नी और वो', अजय देवगन की रेड, अक्षय कुमार की जॉली एलएलबी2, सलमान खान की सुल्तान का अहम हिस्सा जैसी अनगिनत फिल्में उत्तर प्रदेश की ही कहानियां हैं और यहां पर ही शूट की गई हैं। विशाल व विविध होने की वजह से एक ही राज्य में फिल्म मेकर्स को मिनी इंडिया मिल जाता है। एक तरह से कहें तो यूपी में पूरा भारत बसता है।