- लखनऊ में रेलवे ठेकेदार की हत्या का मामला
- शहाबुद्दीन गैंग के शूटरों ने की हत्या
- सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए चार संदिग्धों की हुई पहचान
Lucknow Virendra Thakur Murder Case: लखनऊ में रेलवे ठेकेदार की हत्या के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जांच में पता चला कि शहाबुद्दीन गैंग के शूटरों ने वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की वारदात को अंजाम दिया। वहीं पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि बाहुबली शहाबुद्दीन की मौत के बाद से उसका खास दुर्गा रईस खान गिरोह को चला रहा है। पुलिस के अनुसार वारदात को अंजाम देने में नामजद आरोपी फिरदोस रईस खान का खास आदमी है। यही नहीं वीरेंद्र ठाकुर की हत्या के मामले में कई बातें सामने आ रही हैं। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।
बदमाशों ने घर में घुसकर गोली मारकर वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की थी। सभी बदमाश सेना की वर्दी पहन कर आए थे। बच्चों को एक कमरे में बंद कर बदमाशों ने वीरेंद्र ठाकुर पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं। वीरेंद्र ठाकुर को दो गोली लगी थी। इसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान वीरेंद्र ने दम तोड़ दिया था।
दबंगई, कारोबार में वर्चस्व और इश्कमिजाजी के कारण हुई हत्या
बताया गया कि रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर की हत्या के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं। इलाके में दबंगई, कारोबार में वर्चस्व, धोखा और इश्कमिजाजी के कारण वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की गई है। वहीं पुलिस जांच में पता चला है कि करीब एक साल पहले वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की साजिश रची गई थी। तीन साल पहले भी वीरेंद्र ठाकुर पर जानलेवा हमला किया गया था, लेकिन उस समय वीरेंद्र बच गए थे। इस बार वारदात असफल न हो इसके लिए शूटरों का प्रयोग किया गया। पुलिस का कहना है कि हत्या के पीछे शहाबुद्दीन गैंग के शूटरों का ही हाथ है। वहीं जांच पूरी होने के बाद वारदात का असली सच सामने आएगा।
बिहार का है शहाबुद्दीन गैंग
अब तक की जांच में पता चला है कि शहाबुद्दीन गैंग बिहार का है। इसी गैंग के शूटरों ने रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की है। वहीं लखनऊ पुलिस बिहार में आरोपी फिरदोस, वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका, उसके प्रेमी बिट्टू जायसवाल और शूटरों की तलाश में दबिश दे रही है। बताया गया कि वीरेंद्र की दूसरी पत्नी खुशबुन तारा फिरदोस की चचेरी बहन है। वहीं सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए चार संदिग्धों की पहचान हो चुकी है। वीरेंद्र ठाकुर के मोबाइल से भी कई संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिनके आधार पर पुलिस जांच कर रही है। पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही हत्या की असली वजह सामने आ पाएगी।