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Lucknow:लखनऊ में केस से नाम हटाने की एवज में दरोगा ले रहा था रिश्वत, एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पकड़ा

Updated Jul 16, 2022 | 16:24 IST

Lucknow Case: लखनऊ में फिर से रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने चौकी इंजार्च को सात हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। पीड़ित की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है। प्रदेश में एंटी करप्शन ब्यूरो लगातार कार्रवाइयां कर रिश्वतखोरों को पकड़ रहा है। 

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
लखनऊ में रिश्वत लेने का मामला
मुख्य बातें
  • लखनऊ में एक बार ​सामने आया रिश्वत लेने का मामला
  • एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रिश्वत लेते दरोगा को रंगे हाथ पकड़ा
  • जानकीपुरम थाने में दर्ज करवाया गया है मुकदमा

Lucknow Bribe Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फिर से रिश्वत लेने का एक मामला सामने आया है। यहां एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बौरुमऊ चौकी इंचार्ज को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। पीड़ित ने एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम को बताया गया कि मारपीट के मामले में दो लोगों के नाम हटाने पर चौकी इंचार्ज ने सात हजार रुपये की मांग की थी। पीड़ित की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है।

एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के अनुसार सैरपुर कोतवाली की बौरुमऊ चौकी इंचार्ज योगेश सिंह के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है। वहीं इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को भी दे दी गई। जल्द ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। आपको बता दें कि प्रदेश में एंटी करप्शन ब्यूरो लगातार कार्रवाइयां कर रिश्वतखोरों को पकड़ रहा है। 

यह था पूरा मामला

मिली जानकारी के अनुसार सैरपुर थाने में 26 मार्च को जमीन के विवाद में दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी। इसके बाद टंटापुर गांव के रहने वाले जितेंद्र ने नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उधर, दूसरे पक्ष की ओर से रामस्वरूप यादव ने जितेंद्र समेत नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। दोनों मामलों की जांच बौरुमऊ चौकी इंचार्ज योगेश सिंह को सौंपी गई थी। 

चौकी इंचार्ज को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

वहीं जितेंद्र पक्ष की ओर से विजेंद्र नाम के व्यक्ति ने चौकी इंचार्ज पर रुपये लेकर नाम हटाने का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत एंटी करप्शन के डीआईजी राजीव मल्होत्रा से की गई थी। पीड़ित की ओर से शिकायत मिलने पर डीआईजी ने जांच के लिए टीम का गठन किया था। वहीं एंटी करप्शन की टीम शुक्रवार को पीड़ित के साथ पुलिस चौकी पर पहुंची। इस दौरान जैसे ही विजेंद्र ने चौकी इंचार्ज को रुपये दिए तो एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया। टीम के पकड़ते ही चौकी इंचार्ज रोने लगा, लेकिन एंटी करप्शन की टीम ने उसकी एक न सुनी और जानकीपुरम थाने ले जाकर मुकदमा लिखवा दिया।

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