- एसजीपीजीआई में हर साल होंगे 300 से ज्यादा गुर्दा प्रत्यारोपण
- इमरजेंसी और रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर में मरीजों की भर्ती शुरू
- इमरजेंसी विभाग में होंगे 210 बेड
Lucknow SGPGI News: अब लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई अस्पताल में हर साल 300 से अधिक मरीजों का गुर्दा प्रत्यारोपण हो सकेगा। साथ ही गुर्दा व आकस्मिक चिकित्सा से जुड़ी सुविधाओं का विस्तार होगा। इसके लिए मंगलवार को संस्थान के नवनिर्मित आकस्मिक चिकित्सा एवं गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र की शुरुआत हो गई है। बड़ा मंगल के अवसर पर पहले मरीज के रूप में शिवम मिश्रा को भर्ती कर नेफ्रोलॉरी विभागाध्यक्ष ने प्रो. नरायन प्रसाद ने आंशिक रूप से भवन को क्रियाशील किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने नारियल फोड़कर और गणेश व महावीर बजरंगबली को पुष्पार्पण कर औपचारिक शुभारंभ किया।
इस दौरान नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. नरायन प्रसाद ने बताया कि अभी तक करीब 150 गुर्दा प्रत्यारोपण किए जा रहे थे। नए भवन में अब 300 गुर्दा प्रत्यारोपण किए जा सकेंगे। अब क्रिटिकल केयर यूनिट में संख्या बढ़ाई जाएगी।
558 बेड पर होगी भर्ती
इमरजेंसी एंड रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर का शिलान्यास 15 अक्तूबर 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। इस भवन में 558 बेड हैं, इसमें इमरजेंसी, नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग कार्य करेंगे। भवन का लोकार्पण आठ जनवरी 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इसमें अब मरीजों की भर्ती शुरू की गई है। इमरजेंसी विभाग में 210 बेड होंगे। यहां दूसरे जिलों से आने वाले गंभीर मरीजों का इलाज किया जा सकेगा।
13 जून से धरना देंगे पीजीआई कर्मी
एसजीपीजीआई कर्मचारी महासंघ की मंगलवार को हुई बैठक में संस्थान प्रशासन की ओर से समस्याओं का निस्तारण करने के बजाय लगातार आश्वासन देने पर आक्रोश जताया गया। तय किया गया कि 13 जून से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा। इसके बाद भी प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो कार्य बहिष्कार शुरू किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी संस्थान प्रशासन की होगी। संस्थान परिसर में हुई महासंघ की बैठक में वर्षों से लंबित मांगें का मुद्दा गरमाया रहा।
संस्थान प्रशासन पर अनदेखी का आरोप
कर्मचारियों ने एक सिरे से संस्थान प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कैडर रिस्ट्रक्चरिंग, पेशेंट केयर एलाउंस, वर्दी भत्ता और द्विभाषीय भत्ता को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इसी तरह संस्थान में लंबे समय से खाली चल रहे करीब 1200 पदों को भरने की भी मांग की जा रही है। कभी शासन में फाइल भेजने का आश्वासन दिया जाता है तो कभी प्रमुख सचिव से वार्ता होने की।