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UP : श्रमिक एवं कामगारों के लिए योगी सरकार की पहल, आयोग का गठन

Updated Jun 16, 2020 | 16:07 IST

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ''देश का ऐसा कोई राज्य नहीं है, जिसने श्रमिकों एवं कामगारों के बारे में ऐसा सोचा हो।'' प्रदेश स्तर पर बनने वाले बोर्ड के अध्यक्ष खुद सीएम होंगे।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
श्रमिकों एवं कामगारों के लिए यूपी सरकार की पहल।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रमिकों के हितों का संरक्षण करने के उद्देश्य से कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग के गठन का प्रस्ताव मंगलवार को मंजूर किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ''देश का ऐसा कोई राज्य नहीं है, जिसने श्रमिकों एवं कामगारों के बारे में ऐसा सोचा हो।'' उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने तय किया था कि श्रमिक एवं कामगार, चाहे प्रवासी हों या निवासी, हमारे समाज के अल्प सुविधा प्राप्त इस वर्ग के हितों का संरक्षण प्रदेश सरकार करेगी। इसी कड़ी में राज्य मंत्रिपरिषद ने प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग के गठन के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी।

उन्होंने बताया, ‘इसके साथ ही आयोग के अंतर्गत कार्यकारी परिषद या बोर्ड बनेगा। जिला स्तरीय एक समिति भी बनेगी, जो इनके हितों की रक्षा करेगी। प्रदेश स्तर पर बनने वाले बोर्ड के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री होंगे। इसमें श्रम एवं सेवायोजन मंत्री संयोजक होंगे। औद्योगिक विकास मंत्री एवं एमएसएमई मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। कृषि मंत्री, ग्राम विकास मंत्री, पंचायत राज मंत्री एवं नगर विकास मंत्री सदस्य होंगे।’

श्रमिकों हित में संवेदनशील योगी सरकार ने एक तरफ जहां 24 मार्च को 5.97 लाख श्रमिकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 1-1 हजार रुपये हस्तानतरित किया था। वहीं दूसरी तरफ 30 मार्च 2020 को 27.15 लाख मनरेगा श्रमिकों के खातों में 611 करोड़ रुपये ऑनलाइन प्रक्रिया से भेजा था। साथ ही 1.65 करोड़ अंत्योदय योजना, मनरेगा तथा श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं दिहाड़ी मजदूरों को एक माह का नि:शुल्क राशन अप्रैल माह में योगी सरकार ने उपलब्ध कराया था।


 
निर्माण श्रमिकों को एक-एक हजार रुपये की मदद
इसके अलावा निर्माण कार्य से जुड़े 18.09 लाख चिन्हित श्रमिकों, नगरीय क्षेत्र के 8.86 लाख तथा ग्रामीण क्षेत्र के 6.71 लाख निराश्रित श्रमिकों को 1000 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से कुल 33.66 लाख निराश्रित व्यक्तियों को जून के प्रथम सप्ताह तक कुल 336.64 करोड़ रुपये की राशि का वितरण किया गया था। इसी कड़ी में द्वितीय किश्त के रूप में निर्माण कार्य से जुड़े हुए श्रमिकों में से 14.96 लाख श्रमिकों को पुन: 1000 रुपये प्रति व्यक्ति का भुगतान किया गया। इसके बाद 13 जून को 10 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों के बैंक खातों में डीबीटी  के माध्यम से 1000-1000 रुपए की धनराशि प्रदेश सरकार ने भेजी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद बटन दबाकर 10 लाख 48 हजार 166 (10,48,166) लाभार्थियों के खातों में पैसे भेजे। इसके तहत कुल 104 करोड़ 82 लाख रुपए ऑनलाइन मजदूरों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए।

औद्योगिक इकाइयों में 43 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार
योगी सरकार ने जिन सतत प्रक्रिया उद्योगों चलाए जाने का निर्णय लिया था, उनमें से 838 लाख इकाइयां चालू हैं। जिसमें 62,790 श्रमिक कार्यरत हैं। इसके साथ ही सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद श्रेणी की क्रियाशील 7,05941 इकाइयों में 41.96 लाख श्रमिक कार्यरत हैं।

35 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों की वापसी
उत्तर प्रदेश में 35 लाख से ज्यादा कामगार एवं श्रमिक उत्तर प्रदेश में आ चुके हैं। जिसमें 22,26,254 कामगारों एवं श्रमिकों को ट्रेनों के माध्यम से लाया गया है।

11 लाख कामगारों और श्रमिकों को मिलेगा रोजगार 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘हर हाथ को काम और हर घर में रोजगार’ उपलब्ध कराने की कार्रवाई को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। लॉकडाउन के बीच बाहरी राज्यों से लौटे श्रमिकों को रोज़गार दिलाने के लिए वह औद्योगिक एसोसिएशन के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। इंडियन इंड्रस्टीज एसोसिएशन, फिक्की, लघु उद्योग भारती, नरडेको और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुए इस करार से 11 लाख कामगारों और श्रमिकों को रोजगार मिलेगा।

मनरेगा में यूपी नं. 1
मनरेगा के माध्यम से गांवों में रोजगार देने में योगी सरकार पूरे देश में नं. 1 पर है। पंचायती राज विभाग प्रतिदिन 57 लाख से ज्यादा लोगों को मनरेगा में रोजगार दे रहा है। इसमें 7 लाख 47 हजार 492 प्रवासी मजदूर काम पर लगे हैं। जिसमें 6 लाख 8 हजार 150 प्रवासी मजदूर ऐसे हैं, जिनका पहली बार मनरेगा जाब कार्ड बना है।

औद्योगिक इकाइयों के कार्मिकों का वेतन भुगतान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की 88,691 औद्योगिक इकाइयों द्वारा कार्मिकों को 1830.45 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया।

वापस आए श्रमिकों के लिए एप
प्रदेश में वापस आए कामगारों/श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने, उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने तथा उनके कौशल के अनुरूप भविष्य में रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से ‘प्रवासी राहत एप’ विकसित किया गया है। इस एप के माध्यम से कामगारों/ श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जाती है। इसके अलावा उद्योगों एवं सेवा प्रदाता संगठनों को मैन पॉवर सप्लाई करने के लिए मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है। 

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